उसमें माता की मूर्ति लगी है। इस मूर्ति को सजाने के लिए बंदियों ने कुछ फूल और कुछ कपड़ों की मांग की थी जो की उनको दी गई है। तीन सौ से भी ज्यादा बंदियों ने नवरात्रि में व्रत रखे हैं। एक बंदी की डाइट का खर्च करीब पैंतीस रुपए आता है। इस पैंतीस रुपए में व्रत करने वाले बंदियों को फल उपलब्ध कराए जाते हैं। जेल में स्थित केंटीन से बंदी कुछ रुपए जमा कराकर दूध भी ले सकते हैं। बंदियों के व्रत के लिए बाहर से कोई दान करना चाहता है तो नियमानुसार वह भी लिया जाता है और बंदी की तय डाइट के अनुसार उनको दिया जाता है।
जेल अफसरों ने बताया कि मंदिर जाकर पूजा करने और भजन करने की अनुमति एक साथ नहीं है। कोरोना नियमों का पालन करते हुए पूजा और भजन की अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि अभी अधिकतर जेलों में मुलाकात बंद है। ऐसे में बंदियों के रिश्तेदारों को मिलने की अनुमति भी नहीं है। वीडियो कॉल और अन्य माध्यमों से संपर्क किया जा सकता है। जेल में बंद कोविड बंदियों के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं।