गुरु ने अपनी अतिचार गति से तीन राशियों को स्पर्श किया, जिसके चलते संवत् 2077 के वर्ष प्रारंभ के 11 दिन प्रमादी नामक संवत्सर रहा, इसके बाद आनंद नामक संवत्सर शुरू हुआ। ऐसे में संवत 2077 प्रमादी नामक रहा। आनंद नामक संवत्सर संवत 2077 के समाप्त होने से पहले ही खत्म हो गया और राक्षस नामक संवत्सर शुरू हुआ। संवत 2078 की शुरुआत भी राक्षस नामक संवत्सर में हो रही है, ऐसे में पूरे साल राक्षस नामक संवत्सर मान्य रहेगा।
— प्रमादी : 25 मार्च को संवत 2077 शुरू हुआ, तब प्रमादी नामक संवत्सर रहा, ऐसे 2077 में प्रमादी नामक संवत्सर ही मान्य रहा।
— आनंद : 4 अप्रेल 2020 को आनंद नामक संवत्सर शुरू हुआ, जो 31 मार्च 2021 तक तक रहा, ऐसे में नवसंवत्सर का पहला दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा इस बीच नहीं आई। ऐसे में आनंद नामक संवत्सर लोप हो गया।
— राक्षस : 1 अप्रेल 2021 से राक्षस नामक संवत्सर शुरू हुआ, जो संवत्सर 2078 में भी रहेगा। ऐसे में संवत 2078 में राक्षस नामक नवसंवत्सर मान्य रहेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि राक्षस संवत्सर में मानवमात्र में एकाकी विचार पनपेंगे, वे अपने कार्यों में अधिक व्यस्त रहेंगे, जिससे सामाजिक दूरियां बढ़ेंगी। बेरोजगारी बढ़ेगी, तापसीक कार्यों में लगाव बढ़ने से आपराधिक घटनाएं बढ़ेगी।
राजा – मंगल
मंत्री – मंगल
सस्येश – शुक्र
धान्येश – बुध
मेघेश – चन्द्रमा, मंगल
रसेश – सूर्य
नीरसेश – शुक्र
फलेश – चन्द्र
धनेश – गुरु
दुर्गेश – चन्द्र