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Navsanvatsar 2078 : आनंद नामक संवत्सर का हुआ लोप, रहेगा राक्षस नामक संवत्सर

locationजयपुरPublished: Apr 12, 2021 10:21:17 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार को नवसंवत्सर 2078 (Navsanvatsar 2078) शुरू होगा। यह राक्षस नामक संवत्सर (Rakshas sanvatsar) रहेगा। इस बार आनंद नामक संवत्सर का लोप हो गया है, प्रमादी के बाद अब राक्षस नामक संवत्सर ही मान्य रहेगा। दरअसल ऐसा गुरु की गति के चलते हुआ है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गुरु के मान से संवत्सर के नाम का निर्धारण होता है। गुरु की गति के कारण नवसंवत्सर का निर्धारण होता है।

आनंद नामक संवत्सर का हुआ लोप, रहेगा राक्षस नामक संवत्सर

आनंद नामक संवत्सर का हुआ लोप, रहेगा राक्षस नामक संवत्सर

आनंद नामक संवत्सर का हुआ लोप, रहेगा राक्षस नामक संवत्सर

— नवसंवत्सर 2078 कल से शुरू
— फलादेश : बढ़ेगी ‘सोशल डिस्टेंसिंग’

जयपुर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार को नवसंवत्सर 2078 (Navsanvatsar 2078) शुरू होगा। यह राक्षस नामक संवत्सर (Rakshas sanvatsar) रहेगा। इस बार आनंद नामक संवत्सर का लोप हो गया है, प्रमादी के बाद अब राक्षस नामक संवत्सर ही मान्य रहेगा। दरअसल ऐसा गुरु की गति के चलते हुआ है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि गुरु के मान से संवत्सर के नाम का निर्धारण होता है। गुरु की गति के कारण नवसंवत्सर का निर्धारण होता है, शास्त्रों के अनुसार जिस नाम का संवत्सर नवसंवत्सर के पहले दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर रहता है, वह पूरे साल मान्य होता है और पूरे साल धार्मिक कार्यों के संकल्प आदि में प्रयोग किया जाता है।
यूं हुआ आनंद नामक संवत्सर का लोप
गुरु ने अपनी अतिचार गति से तीन राशियों को स्पर्श किया, जिसके चलते संवत् 2077 के वर्ष प्रारंभ के 11 दिन प्रमादी नामक संवत्सर रहा, इसके बाद आनंद नामक संवत्सर शुरू हुआ। ऐसे में संवत 2077 प्रमादी नामक रहा। आनंद नामक संवत्सर संवत 2077 के समाप्त होने से पहले ही खत्म हो गया और राक्षस नामक संवत्सर शुरू हुआ। संवत 2078 की शुरुआत भी राक्षस नामक संवत्सर में हो रही है, ऐसे में पूरे साल राक्षस नामक संवत्सर मान्य रहेगा।
कब कौनसा संवत्सर रहा
— प्रमादी : 25 मार्च को संवत 2077 शुरू हुआ, तब प्रमादी नामक संवत्सर रहा, ऐसे 2077 में प्रमादी नामक संवत्सर ही मान्य रहा।
— आनंद : 4 अप्रेल 2020 को आनंद नामक संवत्सर शुरू हुआ, जो 31 मार्च 2021 तक तक रहा, ऐसे में नवसंवत्सर का पहला दिन यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा इस बीच नहीं आई। ऐसे में आनंद नामक संवत्सर लोप हो गया।
— राक्षस : 1 अप्रेल 2021 से राक्षस नामक संवत्सर शुरू हुआ, जो संवत्सर 2078 में भी रहेगा। ऐसे में संवत 2078 में राक्षस नामक नवसंवत्सर मान्य रहेगा।
राक्षस नामक संवत्सर का फलादेश
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि राक्षस संवत्सर में मानवमात्र में एकाकी विचार पनपेंगे, वे अपने कार्यों में अधिक व्यस्त रहेंगे, जिससे सामाजिक दूरियां बढ़ेंगी। बेरोजगारी बढ़ेगी, तापसीक कार्यों में लगाव बढ़ने से आपराधिक घटनाएं बढ़ेगी।
विक्रमी संवत का मन्त्रिपरिषद
राजा – मंगल
मंत्री – मंगल
सस्येश – शुक्र
धान्येश – बुध
मेघेश – चन्द्रमा, मंगल
रसेश – सूर्य
नीरसेश – शुक्र
फलेश – चन्द्र
धनेश – गुरु
दुर्गेश – चन्द्र

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