लाठर ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्व होने वाले अपराधों की रोकथाम के बारे में एप बनाए हैं। इनके साथ ही बनाए गए राजस्थान सिटीजन व अन्य एप राजस्थान पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं एवं आमजन इन्हें डाउनलोड कर इनका उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में साइबर यूनिट कार्य कर रही है एवं यह यूनिट 05 लाख रुपये तक की राशि के साइबर अपराधों के बारे में अनुसंधान करती है। इससे अधिक राशि के साइबर अपराधों का अनुसंधान एसओजी के तहत गठित साइबर थानों द्वारा किए जा रहे हैं।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एवं निदेशक आरपीए राजीव शर्मा ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार साइबर अपराधों में 63 प्रतिशत की वृद्वि हुई है। वितीय मामलों में नुकसान के साथ ही डेटा चोरी होने से आमजन की निजता भी प्रभावित होती है। साइबर अपराधियों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण कार्य हैं।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एवं निदेशक आरपीए राजीव शर्मा ने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार साइबर अपराधों में 63 प्रतिशत की वृद्वि हुई है। वितीय मामलों में नुकसान के साथ ही डेटा चोरी होने से आमजन की निजता भी प्रभावित होती है। साइबर अपराधियों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण कार्य हैं।