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Cold Wave : हाड़ जमा रही ठंड में ‘जमीन समाधि सत्याग्रह’

locationजयपुरPublished: Jan 10, 2020 12:14:34 pm

Submitted by:

Pawan kumar

ठंड से बीमार हुए 62 साल के बुजुर्ग किसान आज फिर लेंगे जमीन समाधि हाड़ जमाने वाली ठंड में रातभर मिट्टी में दबे रहे 5 किसान

jameen samadhi

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जयपुर। अपनी जमीन के हक की लड़ाई लड़ रहे किसान भीषण ठंड के बावजूद जमीन समाधि सत्याग्रह पर डटे हुए हैं। नींदड़ के किसान खुले आसमान तले 5 डिग्री सेल्सियस तापमान में रातभर खुद को मिट्टी में दबाकर बैठे रहे। सर्दी के कारण 62 वर्षीय बुजुर्ग किसान सीताराम बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। किसानों का हौंसला देखिए कि बीमार हुए किसान सीताराम शर्मा आज फिर से जमीन समाधि सत्याग्रह पर बैठेंगे। इनके साथ आज से 5 महिला किसान भी जमीन समाधि सत्याग्रह में शामिल हुई हैं। महिला किसान मन्ना देवी, चन्दा देवी, गायत्री देवी, राजू देवी और मनीषा ने शुरू किया सत्याग्रह, अब 10 किसान जमीन समाधि सत्याग्रह कर रहे हैं।
जमीन समाधि सत्याग्रह से जुड़े नगेन्द्र शेखावत ने बताया कि नींदड़ के किसान देश में 2014 में लागू हुए नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। जबकि जेडीए पुराने कानून के हिसाब से मुआवजा देना चाहता है। जिन किसानों की जमीन अवाप्त नहीं हुई है, उन्हें 2014 के भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से मुआवजा दिया जा सकता है। वर्ष 2017 में किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह किया था। तब जयपुर विकास प्राधिकरण ने भरोसा दिलाया था कि किसानों की सहमति के बिना उनकी जमीन अवाप्त नहीं की जाएगी। लेकिन जेडीए ने 1 जनवरी से जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। इसके विरोध में एक फिर से जमीन समाधि सत्याग्रह शुरू करना पड़ा है। जब तक जेडीए मांगे नहीं मानेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

जेडीए किसानों की समझाईश में जुटा
जयपुर विकास प्राधिकरण ने किसानों से समझाईश करने की कवायद शुरू कर दी है। जेडीए के जोन-12 के उपायुक्त मनीष फौजदार ने आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत की। जेडीए अधिकारियों ने आवासीय योजना से होने वाले फायदों और किसानों से ली जाने वाली भूमि के बदले आसपास भूमि दिलाने का विश्वास दिलाया। जेडीए अधिकारियों ने मौके पर उपस्थित धरना देने वाले किसानों को बताया गया कि 2017 में उच्च न्यायालय जयपुर भी अवाप्ति की प्रक्रिया को सही बताया था जिसके विरुद्ध काश्तकारों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई थी। जिसको 4 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण की अवाप्ति की प्रक्रिया को सही बताया था। जेडीए अधिकारियों ने बताया कि किसानों से आन्दोलन को तत्काल बन्द करते हुए जेडीए में टेबल पर आकर बात करने का आग्रह किया गया है, जिससे किसानों की शंकाओं का समाधान किया जा सके।
क्या बोले अधिकारी —
जेडीए प्रशासन किसानों से बात करने को तैयार है। किसान चाहे तो जेडीसी या किसी भी जनप्रतिनिधि से बात कर सकते हैं। जेडीए इस मामले का हल निकालना चाहता है।
मनीष फौजदार, उपायुक्त, जेडीए

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