scriptनीट : एंजेट कर रहे फोन, कट ऑफ कम हो गई, पचास लाख दो और कॉलेज में प्रवेश लो | NEET : Loot in private medical colleges | Patrika News

नीट : एंजेट कर रहे फोन, कट ऑफ कम हो गई, पचास लाख दो और कॉलेज में प्रवेश लो

locationजयपुरPublished: May 11, 2019 01:18:42 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश में घालमेल का खुलासा

jaipur

नीट : एंजेट कर रहे फोन, कट ऑफ कम हो गई, पचास लाख दो और कॉलेज में प्रवेश लो

विकास जैन / जयपुर. नेशनल बोर्ड ऑफ एक्जामिनेशन नीट पीजी-2019 की ओर से सभी श्रेणियों में कट ऑफ अंक कम किए जाने के बाद निजी मेडिकल कॉलेजों में लूट खसोट का खेल शुरू हो गया है। अभिभावकों का आरोप है कि निजी मेडिकल कॉलेजों की महंगी फीस नहीं भर पाने के कारण उच्च अंकों वाले कई अभ्यर्थी इनमें प्रवेश नहीं ले पाए। जिससे इनकी सीटें खाली रहीं और अब न्यूनतम प्राप्तांक कम होने से क्वालिफाई बच्चे अधिक हो गए और निजी कॉलेजों ने अपनी फीस भी बढ़ा दी।
पत्रिका के पास बातचीत की रिकॉर्डिंग

कट ऑफ अंक कम किए जाने के बाद अभिभावकों के पास एजेंटों के फोन पहुंच रहे हैं। एजेंट फोन पर निजी कॉलेज में प्रवेश के लिए मनमानी राशि की मांग कर रहे हैं। पत्रिका के पास बातचीत की रिकॉर्डिंग है। अभिभावकों का आरोप है कि निजी कॉलेजों की मांग पर कट ऑफ का प्रतिशत कम किया गया है।

इस तरह दे रहे अभिभावकों को झांसा

अभिभावक – आपका मैसेज मिला, ऐनेस्थीसिया में आप एडमिशन करा रहे हैं अभी?

एजेंट- ऐनेस्थीसिया का पैकेज रिवाइज हो गया है, अब 50 लाख हो गया है, राजस्थान में मिलेगा।
अभिभावक- आपने मैसेज किया था, जिसमें 40 लाख रुपए दिया था।

एजेंट- कट ऑफ कम हो गई है, कॉलेज की रेट बढ़ गई है, अब हम क्या कर सकते हैं, मैंने तो कहा था कि आप रजिस्ट्रेशन करा लीजिए।

अभिभावक- स्टूडेंट कहीं का भी हो सकता है क्या?

एजेंट- कहीं का भी हो सकता है स्टूडेंट, मैंने एसएमएस में लिख दिया था कि आपका रजिस्ट्रेशन है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है, आपका सारा काम हो जाएगा।
अभिभावक-अब हम क्या कर सकते हैं?

एजेंट- सीधा कॉलेज में ही आपका सारा काम हो जाएगा।

न्यूनतम प्राप्तांक प्रतिशत को किया 6 प्रतिशत कम


श्रेणी —- ————–पहले कट ऑफ —- ————संशोधित कट ऑफ
सामान्य वर्ग ——— 340 अंक-50 परसेंटाइल ——-313 अंक-44 प्रतिशत
आरक्षित वर्ग ———295 अंक-40 परसेंटाइल ——-270 अंक-34 परसेंटाइल
डिसेबल श्रेणी———- 317 अंक-45 परसेंटाइल ——-291 अंक-39 परसेंटाइल
पैकेज बढ़े तो फिर नहीं ले पाएंगे प्रवेश

अभिभावकों के अनुसार पैकेज में बढोत्तरी करने से कट ऑफ में आने वाले विद्यार्थी भी कम बजट में आने के कारण प्रवेश नहीं ले पाते। जबकि कट ऑफ कम की ही नहीं जा सकती। 2003 में भी ऐसे ही मामले को बाद में कोर्ट ने गलत ठहराया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो