डीएलबी निदेशक दीपक नंदी ने निकाय आयुक्तों को कहा है कि वे आश्रय स्थलों के अंदर व बाहर संचालित हो रही नेकी की दीवार को समेकित करते हुए ‘बीइंग मानव खुशियों की दुकान” शुरू की जाए। साथ ही प्रत्येक आश्रय स्थल पर 5 फीट से लेकर 20 फीट तक की जगह इस दुकान के लिए आवंटित की जानी चाहिए। इसमें आश्रय स्थल प्रबंधक को ही नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। यह कार्य एम स्क्वायर फाउंडेशन के सहयोग से किया जायेगा।
उदयपुर में चल रही दुकान फाउंडेशन के अध्यक्ष मुकेश माधवानी ने बताया कि बीइंग मानव-खुशियों की दुकान से जरूरतमंद लोगों को फायदा होगा। वर्तमान में उदयपुर के उदियापोल पार्क में दुकान संचालित हो रही है। इसके तहत वे लोग जिनके घरों पर अतिरिक्त वस्तुएं पड़ी हैं। वे इन खुशियों की दुकान पर यह सामान जमा करवा सकते हैं। साथ ही वे लोग जिनको इन वस्तुओं की आवश्यकता है। वे निशुल्क यहां से ले जा सकते हैं। इसके तहत सामान्य कपड़े, गरम कपड़े, बर्तन, खिलौने, स्टेशनरी, पुस्तकें आदि शामिल हैं।