राज्यवर्धन ने दिल्ली में प्रेसवार्ता में कहा कि पिछले एक माह में ही प्रदेश में सरकार द्वारा चार बार इंटरनेट बंद किया गया, जिससे वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर असर हुआ, मरीजों को डॉक्टर्स के अपोंइंटमेन्ट एवं ऑनलाइन रिपोर्ट लेने में परेशानी हुई। लगभग 800 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। पिछले 10 वर्षों के आकड़े देते हुए कर्नल राज्यवर्धन ने बताया कि जम्मू कश्मीर में 315 बार नेट बंदी की गई जबकि राजस्थान में 78 बार जो पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा दूसरे राज्यों में भी परीक्षाएं होती है लेकिन वहां की सरकारे बार-बार इंटरनेट बंद नही करती।
कश्मीर पर हल्ला, राजस्थान पर चुप्पी राज्यवर्धन ने कहा कि कांग्रेस नेता कश्मीर के लिए अलग भाषा का इस्तेमाल करते है और राजस्थान में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर चुप रहते है। उन्होंने राहुल गांधी के 19 दिसम्बर, 2019 को किए गए ट्वीट का हवाला दिया। गांधी ने लिखा था कि ‘इस सरकार को कोई अधिकारी नहीं कि कॉलेज टेलीफोन और इंटरनेट बंद कर दे। इसे मैं मानता हूं कि यह भारत की आत्मा की बेईज्जती है।’ इस पर राज्यवर्धन ने पलटवार करते हुए कहा कि कश्मीर में आतंकी घटनाओं के कारण सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ते है लेकिन राजस्थान में कौन सी आतंकी घटनाएं हो रही है जिसके कारण सरकार को बार-बार इंटरनेट बंद करना पड़ रहा है।
डेंगू बेकाबू, मगर स्वास्थ्य मंत्री बैठकों में नहीं आ रहे राज्यवर्धन ने कहा कि प्रदेश में डेंगू तेज गति से फैल रहा है और इससे हजारों की संख्या में मौतें हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री जिन्हें गुजरात की जिम्मेदारी दी गई है वे ना तो अपने कार्यालय में पहुंच रहें है और ना ही बैठकों में शामिल हो रहे है। कांग्रेस की नीति और काम करने के तरीकों से प्रदेश की जनता दुखी है।