बांसवाड़ा एमजी अस्पताल परिसर से फर्जी नर्स बन एक महिला नवजात चुराकर ले गई। टीकाकरण कराने के नाम पर मंगवाए बच्चे को धोखे से चुरा ले जाने की जानकारी पर पुलिस भी सन्न रह गई। नाकाबंदी कराने के बाद भी शाम तक बच्चे का पता नहीं चला। कोतवाली सीआई मोतीराम सारण के अनुसार घटना सुबह 11 बजे हुई, जिसकी सूचना 2 बजे देने पर पुलिस जांच में जुटी। वाकया मलवासा निवासी अनिता पत्नी अर्जुन बामनिया के साथ हुआ। उसका 9 फरवरी को तलवाड़ा पीएचसी में नॉर्मल प्रसव हुआ। ११ फरवरी को छुट्टी मिली, तो पीहर के लोग बड़लिया ले गए। शनिवार को घर आई एक महिला ने खुद को नर्स बताते हुए नवजात को टीका लगवाने के लिए रविवार को बांसवाड़ा लाने को कहा। जिस पर वो नवजात को लेकर बांसवाड़ा आई। यहां एमजी अस्पताल के पास गेट पहुंचे ही थे कि फर्जी नर्स का कॉल आया। उसने मां-बेटी को केंटीन के पास रुकने को कहा और ममता कार्ड सहित कागजात के साथ बच्चा लेकर खुद टीका लगवाकर लौटने की बात कर एमसीएच विंग की तरफ बढक़र लापता हो गई।
उधर, मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर के मातृ एवं शिशु अस्पताल के स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) वार्ड से अज्ञात महिला पांच दिन के नवजात को उठा ले गई। घटना को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर छानबीन शुरू की। नवजात को लेकर एक महिला व किशोर स्कूटी पर बिछीवाड़ा की ओर जाते ट्रेस हुए। समाचार लिखे जाने तक पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी। नवजात बांसवाड़ा निवासी ज्योति पत्नी राकेश मोची का है। पहली डिलेवरी होने से गोद भराई की रस्म के बाद ज्योति यहां मोची बाजार डूंगरपुर अपने पीहर आई थी। गत 24 फरवरी को उसका प्रसव हुआ था। बच्चे को पीलिया की शिकायत पर शनिवार शाम को ही एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। घटना के बाद से मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए।