देश में मंगलवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाएगा। केन्द्र व राज्य सरकारों की ओर से नियम बनाने में हो रही देरी के चलते अभी भी पुराना कानून ही प्रभावी है। उल्लेखनीय है कि संसद ने उपभोक्ता कानून 1986 को निरस्त कर नया उपभोक्ता कानून 2019 में पारित किया था, जिसे राष्ट्रपति की अनुशंषा के उपरांत 9 अगस्त को अधिसूचित किया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश में अभी तक 8, 14, 468, महाराष्ट्र में 5, 02, 186, राजस्थान में 4, 65, 910, हरियाणा में 3, 29, 655, मध्यप्रदेश में 3, 09, 028, दिल्ली में 3, 06, 240, गुजरात में 3, 05, 779, कर्नाटक में 2, 75, 462, केरल में 2, 51, 340 व पंजाब में 2, 51, 395 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।
सीसीआई के अनुसार आयोगों में निस्तारित मामले आयोग का नाम कुल मामले निस्तारन
राष्ट्रीय आयोग 1,32,596 1,11,597 राज्य आयोगों 9,43,620 8,18,719
जिला मंचों 43,1,258 39,59,49 —————
इनका कहना है नए कानून में है महत्वपूर्ण बदलाव -:
ने बताया कि नए उपभोक्ता कानून में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिला मंचों का नाम बदलकर जिला आयोग किया गया है और इनकी अधिकारिता 20 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दी गई है। इसी प्रकार राज्य आयोग की अधिकारिता बढ़ाकर 10 करोड़ की गई है। नए कानून में भ्रामक विज्ञापनों पर प्रभावी कार्रवाई, विज्ञापनकर्ता सेलिब्रिटिज पर जुर्माना, उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन, ई-कॉमर्स पर नियंत्रण, उत्पाद दायित्व व मध्यस्थता जैसे प्रावधान जोड़े गए हैं। साथ ही उपभोक्ता को अपने जिले में शिकायत का भी प्रावधान शामिल किया गया है।