पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए तैयार की नई पुस्तकें
पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत वाटिका स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में की गई। इस मौके पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें बताया गया कि पाठ्यपुस्तकों का दो तिहाई वजन कम किया गया है। अब बच्चों को वर्तमान पुस्तकों के एक तिहाई भार के रूप में अलग-अलग किताब के स्थान पर एक ही किताब स्कूल लेकर जानी होगी।
पहले इतना वजन उठाते थे बच्चे
पहले कक्षा एक के विद्यार्थियों की पुरानी किताबों का वजन 900 ग्राम था, जो अब 400 ग्राम किया गया है। कक्षा दो में 950 ग्राम को 300 ग्राम, कक्षा तीन में 1 किलो 350 ग्राम के स्थान पर 500 ग्राम, कक्षा चार में 1 किलो 450 ग्राम के स्थान पर 500 ग्राम तथा कक्षा पांच में पुरानी किताबों के वजन को 1 किलो 250 ग्राम से घटाकर मात्र 500 ग्राम करने की पहल की गई है। इस प्रकार कक्षा एक से पांच तक की किताबों के वजन को 5 किलो 900 ग्राम से घटाकर 2 किलो 200 ग्राम तक कर दिया गया है।
फिलहाल प्रत्येक जिले की एक-एक स्कूल शामिल
प्रायोगिक रूप में राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 33 जिलों से एक-एक विद्यालय का चयन कर बस्ते के बोझ को कम करने की यह शुरुआत की है। इसके अंतर्गत शुरूआत में कक्षा 1 से 5 तक बस्ते का दो तिहाई बोझ कम हुआ है। इस निर्णय की लगातार समीक्षा की जाएगी। सफल परिणाम रहे तो आने वाले समय में इसे कक्षा 1 से 12 तक प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। मंत्री डोटासरा ने निजी विद्यालयों का भी आह्वान किया कि वे भी इस तरह की शुरुआत करें, ताकि बच्चों को कम पुस्तक बोझ लेकर स्कूल जाना पड़े।