खोह नागोरियान थाना इलाके में रहने वाले अशोक कुमार को परिवार के लिए स्कूटी चाहिए थी। वे आनलाइन साइट पर गए और ओएलएक्स पर उन्होनें एक स्कूटी देखी जो उनके बजट में आ रही थी। स्कूटी आॅनर के जो नंबर दिए गए थे उस पर बात की तो उसने जल्द से जल्द स्कूटी भेजने की बात कही। लेकिन कुछ खर्चों के नाम पर पहले रुपए ले लिए। अशोक ने भी रुपए उसके खाते में डाल दिए। लेकिन इस बीच खाते की कुछ जानकारियां भी शेयर हो गए और बाद में खाते से करीब नब्बे हजार रुपए साफ हो गए। रपुए भी गए और स्कूटी भी घर नहीं पहुंची तो अशोक ने पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
फूड एप से खाना तय समय पर नहीं पहंचा तो चैदह साल के बच्चे ने इंटरनेट से कस्टमर केयर का नंबर तलाशा और फोन कर खाना देरी से पहुंचने के बारे में जानकारी जुटानी चाही। लेकिन नंबर साइबर ठग का था। ठग ने बच्चे को मूर्ख बनाकर उससे खातें की जानकारी जुटाई और खाते से 75 हजार रुपए निकाल लिए। मां को जब बच्चे ने मैसेज बताया तब जाकर मामले का खुलासा हुआ। जांच कर रही सांगानेर पुलिस ने बताया कि निशा शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया है। जो नंबर कस्टमर केयर के नंबर पर लिखे गए थे वे नंबर अब बंद आ रहे हैं।
करणी विहार थाना इलाके में रहने वाले त्रिलोक चैधरी को रुपयों की जरुरत हुई तो एक निजी फाइनेंस कंपनी से लोन लेने की प्रक्रिया शुरु की। लेकिन फाइनेंस कंपनी चला रहे लोगों ने लोन देने के खर्च के नाम पर कई बार खाते में रुपए डलवा लिए और उसके बाद फोन बंद कर लिए। त्रिलोक ने फाइनेंस कंपनी के पदाधिकरियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। चार बार में त्रिलोक से करीब पैतालीस हजार रुपए लेने के बाद भी उसे लोन नहीं दिया गया।