यहां से आएगा प्याज
कारोबारियों के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से प्याज की नई फसल की आवक शुरू हो गई और अगले महीने तक नई फसल की आवक जोरों पर होगी। तब कीमतों में गिरावट आ सकती है। यही कारण है कि किसान प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का विरोध कर रहे हैं। वहीं किसानों का कहना है कि प्याज आपूर्ति की स्थिति अब काफी बदल गई है। किसानों के पास अब पिछले सीजन का बहुत कम प्याज बचा है। बहुत ज्यादा बारिश और मानसून लंबा का समय लंबा होने से इस बार के पैदावार को काफी नुकसान हुआ है। तो मुहाना मंडी के व्यापारियों का कहना है बाजार में अभी जो प्याज आ रहा है उसकी गुणवत्ता भी खराब है।प्याज की कीमतें पहले से ही काफी ज्यादा हो गई हैं इसलिए अब किसानों के पास दाम और बढ़ाने की गुंजाइश भी ज्यादा नहीं है। जनवरी में थोक बाजार में प्याज की कीमत सिर्फ 3 से 4 रुपये प्रति किलो थी जो जुलाई में बढ़कर 15 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। इसके बाद इनकी कीमतों में लगातार इजाफा होता गया।
कारोबारियों के अनुसार महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से प्याज की नई फसल की आवक शुरू हो गई और अगले महीने तक नई फसल की आवक जोरों पर होगी। तब कीमतों में गिरावट आ सकती है। यही कारण है कि किसान प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का विरोध कर रहे हैं। वहीं किसानों का कहना है कि प्याज आपूर्ति की स्थिति अब काफी बदल गई है। किसानों के पास अब पिछले सीजन का बहुत कम प्याज बचा है। बहुत ज्यादा बारिश और मानसून लंबा का समय लंबा होने से इस बार के पैदावार को काफी नुकसान हुआ है। तो मुहाना मंडी के व्यापारियों का कहना है बाजार में अभी जो प्याज आ रहा है उसकी गुणवत्ता भी खराब है।प्याज की कीमतें पहले से ही काफी ज्यादा हो गई हैं इसलिए अब किसानों के पास दाम और बढ़ाने की गुंजाइश भी ज्यादा नहीं है। जनवरी में थोक बाजार में प्याज की कीमत सिर्फ 3 से 4 रुपये प्रति किलो थी जो जुलाई में बढ़कर 15 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। इसके बाद इनकी कीमतों में लगातार इजाफा होता गया।