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क्राइम ब्रांच की कार्रवाई, लाखों की धोखाधड़ी में था फरार

locationश्री गंगानगरPublished: Mar 04, 2017 04:54:00 pm

क्राइम ब्रांच से मांगी थी राजस्थान पुलिस ने मदद। गबन के आरोप में श्रीगंगानगर से फरार आरोपित इंदौर में पकड़ा।

सरकारी रुपए की धोखाधड़ी में श्रीगंगानगर से फरार आरोपित को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। नाम व घर बदलकर वह फरारी काट रहा था। सरकारी योजना के लाखों रुपए हासिल करने के लिए उसने बैंक खाते का इंतजाम कर कमीशन हासिल किया था। इंदौर में क्राइम ब्रांच के एएसपी अमरेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि शुक्रवार को गुमास्ता नगर निवासी जितेन्द्र बोहरा को गिरफ्तार किया गया। इसके खिलाफ राजस्थान के श्रीगंगानगर में धोखाधड़ी का केस दर्ज है। 


श्रीगंगानगर पुलिस ने ही जितेन्द्र के इंदौर में होने की जानकारी दी थी। उसके गिरफ्तार होने की सूचना श्रीगंगानगर पुलिस को दी गई है। श्रीगंगानगर पुलिस टीम उसे लेकर जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपित जितेन्द्र पहले हरसिद्धि पर सूर्या इंटरप्राइजेस संचालित करता था। उसका लोहे के पाइप का व्यापार था। घाटा होने पर ये बंद कर दिया। बाद में उसने एम्ब्राइडरी व गारमेंट का काम शुरू किया। 


इस दौरान उसका परिचय श्रीगंगानगर के व्यापारी जयकुमार जैन व उसके बेटे भरत जैन से हुआ। उन्होंने कहा कि सरकारी योजना के चालीस लाख रुपए ट्रांसफर कराने के लिए उन्हें एक एनजीओ के खाते की जरुरत है। उसके बदले वे कमीशन देंगे। देवास में रहने वाला जितेन्द्र का परिचित सादिक अली वहां पर ऑर्गेनाइजेशन फॉर चिल्ड्रन एजुकेशन संचालित करते हैं। उनसे जयकुमार जैन की मुलाकात जितेन्द्र ने कराई। एनजीओ के बैंक खाते में सीईएफसी लिमिटेड कोलकाता के खाते से 18 लाख 20 हजार रुपए व दिनाची कलर प्रा. लि. अलवर के खाते से 14 लाख 51 हजार रुपए फर्जी चेक के जरिए ट्रांसफर कराए। बाकी आठ लाख रुपए वो ट्रांसफर नहीं करवा पाए। 


इस रुपए में से सादिक ने तीन लाख रुपए कमीशन रखकर बाकी रुपए जितेन्द्र की सूर्या इंटरप्राइजेस के एचडीएफसी बैंक खाते में आरटीजीएस कर दिए। जितेन्द्र ने भी इनमें से चार प्रतिशत कमीशन काटकर बाकी रुपए 15 अलग-अलग बैंक खातों में आरटीजीएस कर दिए। इनमें से जयकुमार ने अपने खाते में आठ लाख रुपए व बाकी रिश्तेदारों के खातों में रुपए ट्रांसफर करवाए थे।


इस मामले में देवास मध्यप्रदेश निवासी सादिक अली, शाकिर अली व सुरेश कनासिया श्रीगंगानगर में गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस जयकुमार व उसके बेटे भरत की तलाश कर रही है। आरोपित जितेन्द्र पहले समाजवाद इंदिरा नगर में रहता था। बाद में वह स्कीम में रहने लगा। उसने जितेन्द्र जैन के नाम से फर्जी आईडी कार्ड भी बना रखा था। श्रीगंगानगर पुलिस ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपितों ने यहां जमानत अर्जी लगाई थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया है।


पैसा ट्रांसफर करने का दिया झांसा

गबन के आरोप में गिरफ्तार जितेन्द्र बोहरा ने श्रीगंगानगर निवासी व्यापारी जयकुमार जैन और उनके बेटे भरत जैन को सरकारी योजना के 40 लाख रुपए ट्रांसफर करने का झांसा दिया। इसके बदले में उसने कमीशन की पेशकश भी की। इस तरह वह अपने षड़यंत्र में कामयाब हो गया।

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