scriptनए एक्सपेरिमेंट से सुरेंद्र पाल से कंटेम्परेरी आर्ट में स्थापित किए नए कीर्तिमान | New record set in Surender Pal from Contemporary Art | Patrika News

नए एक्सपेरिमेंट से सुरेंद्र पाल से कंटेम्परेरी आर्ट में स्थापित किए नए कीर्तिमान

locationजयपुरPublished: Jun 14, 2018 12:31:00 pm

Submitted by:

Priyanka Yadav

उत्तराखंड सरकार ने जोशी की कृतियों पर आधारित उत्तरा कंटेम्परेरी आर्ट म्यूजियम भी बनाया

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नए एक्सपेरिमेंट से सुरेंद्र पाल से कंटेम्परेरी आर्ट में स्थापित किए नए कीर्तिमान

जयपुर. मॉडर्न आर्ट में नित नए प्रयोग करने वाले जाने माने आर्टिस्ट सुरेन्द्र पाल जोशी आज हमारे बीच मौजूद नहीं हैं, बीते मंगलवार उनका निधन हो गया। लेकिन उनकी कलाकृतियों की खूबसूरती और आइडियाज नए कलाकारों के लिए प्रेरणा से कम नहीं है। लाखों सेफ्टीपिन से हेलमेट या हैलीकॉप्टर बनाने की कला हो या सामाजिक और देशहित के मुद्दों पर बनने वाली कलाकृतियां आज देश-दुनिया में लगी हुई हैं। उत्तराखंड सरकार ने जोशी की कृतियों पर आधारित उत्तरा कंटेम्परेरी आर्ट म्यूजियम भी बनाया है, जिसमें उनकी खास कृतियों को आम लोगों के लिए डिस्प्ले किया गया है। सुरेन्द्र पाल जोशी को याद करते हुए उनके साथी दोस्त, शिष्य और रिश्तेदार बड़े भावुक होते दिखे। जोशी के शिष्य मुकेश ज्वाला ने बताया कि स्कूल ऑफ आर्ट में पढ़ाई करते हुए सुरेन्द्र सर से मुलाकात हुई थी और तभी से उनके साथ खासा जुड़ाव हो गया। पेंटिंग फोटोग्राफी उस समय बहुत नई चीज थी और वो मेरे इस हुनर को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा आगे आते थे। वे हर छोटी-छोटी चीज पर बारीकी से नजर रखते थे, फोटोग्राफी में भी रंगों और ऑब्जेक्ट के बारे में बात करते रहते थे। यहां तक की कई बार डांट भी मिलती थी, लेकिन वह बहुत कुछ सिखाने वाली होती थी।
स्कॉलरशिप की परवाह नहीं

राइटर मंगलेश डबराल ने बताया कि ‘मैंने सुरेन्द्र का आर्ट के प्रति खास जुनून लखनऊ से देखा है। उन्हें तब वहां के टीचर अपना स्टूडेंट बनाना चाहते थे, लेकिन वे ग्राफिक में जाना चाहते थे। अन्य टीचर्स ने सुरेन्द्र को समझाते हुए कहा था कि यदि तुमने ग्राफिक विषय लिया तो तुम्हारी स्कॉलरशिप बंद हो जाएगी। तब सुरेन्द्र ने स्कॉलरशिप को छोड़ते हुए ग्राफिक को सलेक्ट किया था।
आर्ट पर अब किससे होगा डिस्कशन

वरिष्ठ चित्रकार विद्यासागर उपाध्याय ने कहा कि जोशी से पहली मुलाकात लखनऊ में हुई थी, जब वे वहां आर्ट कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। अब सोचता हूं कि कला पर चर्चा किससे किया करूंगा? जब मैंने स्कूल ऑफ आर्ट से वॉलेंटियरी रिटायरमेंट लिया तो अगले दिन ही जोशी ने भी अपने रिटायरमेंट का प्लान बना लिया। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी आर्टिस्टिक स्टाइल में प्रयोग करते हुए कंटेम्परेरी आर्ट में नए कीर्तिमान स्थापित किए।
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