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बच्चों की सुरक्षा के लिए काफी नहीं फायर अलार्म

locationजयपुरPublished: Mar 28, 2020 05:58:07 pm

Submitted by:

Mridula Sharma

शोध के अनुसार आगजनी की घटना के दौरान बच्चों को नींद से नहीं जगा पता फायर अलार्म

बच्चों की सुरक्षा के लिए काफी नहीं फायर अलार्म

बच्चों की सुरक्षा के लिए काफी नहीं फायर अलार्म

घर में सुरक्षा के तौर पर आप फायर अलार्म लगवाते हैं ताकि वह आपके बच्चों को समय पर चेता सके, लेकिन यह काफी नहीं है। एक शोध में पाया गया है कि फायर अलार्म की आवाज से बच्चे गहरी नींद से नहीं जागते हैं। इसके लिए कई अन्य प्रयोग भी किए गए हैं। शोध में पाया गया कि महज 28 प्रतिशत बच्चे ही स्टेंडर्ड फायर अलार्म के बजने पर नींद से जागे, जबकि शेष सोते रहे। डर्बीशर की फायर एंड रेस्क्यू सर्विस और स्कॉटलैंड की डुंडी यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध के अनुसार परिजनों को फायर अलार्म के भरोसे नहीं रहना चाहिए।
शोध के मुख्य लेखक डॉ निमाह निक का कहना है कि धुंए के कारण बजने वाला अलार्म बच्चों को नींद से जगाने के लिए काफी नहीं है। इस शोध के तहत टीम ने 640 बच्चों के साथ काम किया ताकि पता लगा सकें कि एक स्टैंडर्ड फायर अलार्म बच्चों को नींद से जगा पाता है या नहीं। प्रयोग के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर बच्चे अलार्म बजने के दौरान सोते रहे, जबकि जो जागे भी वह कुछ देर बाद वापस नींद के आगोश में चले गए।
एक टेलीविजन शो में भी यह प्रयोग दिखाया गया, जिसमें आठ साल तक के 10 बच्चों को शामिल किया गया, इनमें से नौ बच्चे तो अलार्म बजने के दौरान सोते रहे, जबकि एक कुछ देर के लिए जागा और दोबारा सो गया। हालांकि इस शोध में एक अच्छी बात यह भी सामने आई कि जब अलार्म को धीमी आवाज में, दूसरे टोन में या फिर रिकॉर्ड किए गए संदेश के साथ बजाया गया तो 75 प्रतिशत बच्चों की नींद खुल गई।
निक ने कहा, इस शोध के दौरान हमने कुछ ऐसी आवाजों की खोज की है जो बच्चों को नींद से जगाने में सहायक रही हैं। अब हमारी कोशिश है कि फायर अलार्म के लिए ये आवाजें ही विकसित की जाएं ताकि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हम निश्चिंत हो सकें।

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