देववाणी एप का नया वर्जन लॉन्च
जयपुरPublished: Sep 12, 2020 12:20:28 pm
अब देववाणी एप से स्माइल कंटेन्ट और ई.बुक्स मिल सकेंगेएप में कक्षा 3 से 12 तक की सभी संस्कृत विषय की पुस्तकों का ई कन्टेंट उपलब्धवीडियो और प्रश्नोत्तरी का समावेश
संस्कृत शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को संस्कृत विषय के अध्ययन के लिए बनाए गए देववाणी एप का नया वर्जन लॉन्च किया गया है। इस एप में कक्षा 3 से 12 तक की सभी संस्कृत विषय की पुस्तकों का ई कन्टेंट उपलब्ध कराया गया है। हर एक अध्याय में वीडियो और प्रश्नोत्तरी का समावेश किया गया है, जिससे विद्यार्थी शिक्षा द्वारा पढ़ाई कर सकते हैं। एपगुरु इमरान खान ने बताया कि देववाणी एप को और अधिक यूजर फ्रेंडली और उपयोगी बनाने के लिए एप का नया वर्जन प्ले स्टोर पर अपलोड किया गया है । नए वर्जन का कोड है 4.1 इस वर्जन में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सुझावों का समावेश किया गया है । साथ ही कुछ नए फीचर्स भी जोड़े गए हैं ।
स्माइल लिंक्स :अब देववाणी एप पर स्माइल लिंक्स को देखा जा सकता है । आप पुराने स्माइल लिंक्स भी एक स्थान पर ही देख सकते हैं ।
संस्कृत ई.बुक्स: देववाणी एप में संस्कृत की ई.बुक्स का भी समावेश किया गया है । एप से सीधे कक्षा अनुसार ई.बुक्स डाउनलोड की जा सकती है ।
एप यूजर्स : देववाणी एप के यूजर्स के आँकड़े देखने के लिए विशेष सेक्शन जोड़ा गया है । जिसके माध्यम से संभाग, जिला, ब्लॉक और विद्यालय के अनुसार एप यूजर्स की संख्या को देखा जा सकता है ।
ई.कंटेन्ट शेयर सुविधा : अब देववाणी एप के ई.कंटेन्ट को यूजर्स सोशल मीडिया, एसएमएस या ईमेल के माध्यम से शेयर भी कर सकते हैं ।
ई.कंटेन्ट जोडऩे की सुविधा: देववाणी एप में शिक्षकों के लिए ई.कंटेंट वीडियो और प्रश्न जोडऩे की सुविधा भी समाहित की गई है। शिक्षकों द्वारा जोड़ा गया ई.कंटेन्ट रिव्यू के बाद एप पर उपलब्ध कराया जाता है।
फिलहाल देववाणी एप के लगभग 25 हजार यूजर्स
उल्लेखनीय है कि एपगुरु इमरान खान ने संस्कृत शिक्षा विभाग के लिए देववाणी एप का निर्माण किया है। जिसका ई.अनावरण संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और संस्कृत शिक्षा कमिश्नर डॉ. समित शर्मा ने किया था। फिलहाल देववाणी एप के लगभग 25 हजार यूजर्स हैं, जिन्होंने से 9800 विद्यार्थी, 5800 अभिभावक और 7500 शिक्षक हैं। विद्यार्थियों द्वारा अब तक 20 हजार टेस्टस दिए जा चुके हैं। सर्वाधिक यूजर्स राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, जयपुर के हैं, जबकि राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, कुण्डगेट सांवर अजमेर दूसरे स्थान पर राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालयए चेचट कोटा तीसरे स्थान पर है ।