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जुड़वां बहन को अकेली छोड़ गया भाई, 19 वर्ष बाद भरी थी मां की सूनी गोद, ठीक से दुलार भी नहीं पाई थी

locationजयपुरPublished: Jun 11, 2019 12:09:16 pm

Submitted by:

dinesh Dinesh Saini

जिस नवजात को मां ने बिलाव के मुंह से बचाया, आखिर थम गईं उसकी सांसें…

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जयपुर/कानोता।

राजधानी जयपुर के समीप नायला में जिस नवजात को 23 मई की रात को मां ने जंगली बिलाव के मुंह से बचाया था, 18 दिन बाद आखिर उसकी सांसें थम गईं। वह अपनी जुड़वां बहन को अकेली छोडकऱ चला गया।
गौरतलब है कि नायला के छतरी वालों की कॉलोनी निवासी रामकिशोर झालाणी की पत्नी की गोद 19 वर्ष बाद भरी थी। उसके जुड़वां बेटा-बेटी पैदा हुए थे। इतने सालों तक उसके कोई संतान नहीं हुई। बड़ी मिन्नतों से 6 मई को उसकी पत्नी के जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। जुड़वा बच्चों में लड़का-लड़की को देख परिवारजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिछली 23 मई की रात को जंगली बिलाव कमरे में घुसा और नवजात को मुंह में उठाकर ले जाने लगा। अचानक मां की नजर पड़ी तो वह चिल्लाई। इस पर बिलाव नवजात को छोड़ भागा। परिजनों ने तुरन्त उसे जयपुर के जेकेलोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा था। घर-परिवार सहित आस-पड़ौस के लोग भी उसकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे थे। लेकिन सोमवार को उसने दम तोड़ दिया। मां दोनों को एकसाथ ठीक से दुलार भी नहीं पाई और अपने साथ दुनिया में आई बहन को मां के पास अकेली छोडकऱ भाई हमेशा के लिए चला गया।
शादी वाले घर में रुदन
नवजात के परिवार में निकट रिश्तेदार की शादी थी। ऐसे में परिवार में खुशियों का माहौल था। लेकिन सोमवार को नवजात की सांसें थमने पर गमी पसर गई। वहीं दूसरी ओर, शादी समारोह से अज्ञात महिलाएं गार्डन से लाखों के जेवर-नकदी से भरा बैग चुरा ले गईं।
औंधे मुंह रखा नवजात को, दम घुटने से मौत
भ्वहीं इधर भीलवाड़ा में मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के पालना गृह में सोमवार को पॉलीथिन में लपेटकर नवजात को औंधे मुंह रख जाने से उसकी दम घुटने से मौत हो गई। महात्मा गांधी चिकित्सालय परिसर स्थित पालना गृह में सुबह एक दिन की नवाजात बालिका पॉलीथिन में लिपटी मिली। उसे गहन चिकित्सा कक्ष में ले गए। यहां जांच में वह मृत मिली। पुलिस में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दी गई।

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