ऑटो चालक इमरान खान (30) ने बताया कि वह रोजाना की तरह मैजिक लेने सुबह करीब 6 बजे घर से निकला। पैदल गुजरते हुए देखा कि एक खाली प्लाट से बच्चे की रोने की आवाज आ रही थी। कुछ लोग भी थे। वहां देखा तो कचरे के ढेंर में एक नवजात पड़ा था और लोग देख रहे थे। लेकिन, बच्चे को किसी ने उठाया नहीं। लोगों को लताड़ते हुए उसने बच्चे को उठाया और मैजिक में लिटाकर पास के एक निजी अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टर्स ने भर्ती नहीं किया तो वह सीधे जेकेलॉन अस्पताल ले आया। गंभीर हालत में नवजात को तुरंत एनआईसीयू में भर्ती कर लिया। वह बच्चे के साथ शाम तक बैठे रहे। बाद में शिशुगृह में जाकर बच्चे के बारे में रिपोर्ट किया। ऑटोचालक के बारे में जिसने भी सुना, उसने प्रशंसा की।
शिशु गृह की अधीक्षक किरण पंवार ने बताया कि बच्चे के बारे में जानकारी लेकर इमरान खुद आए थे। उन्होंने आगे बढ़कर बच्चे की जान बचाई। अगर इस तरह की मदद समाज में सभी लोग करेंगे तो कई बच्चों की जान बच पाएगी।