
प्रदेश की करीब 234 किलोमीटर लंबी और 740 करोड़ रुपए लागत वाली पांच बड़ी एनएच परियोजनाओं की निविदाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का निर्माण ईपीसी पद्धति के आधार पर किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली से प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पहले ही प्राप्त की जा चुकी है। यह कहना है सानिवि मंत्री युनूस खान का।
उन्होने बताया कि इन सड़कों के विकास से राज्य के धार्मिक, शैक्षणिक एवं आदिवासी बहुल क्षेत्रों के करीब 75 से अधिक गांवों के निवासियों को प्रत्यक्ष एवं लाखों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों और रोजगार में बढोतरी होगी और लाखों की संख्या में पर्यटकों सुविधा मिलेगी।
इन सड़कों की निविदाओं को स्वीकृति प्रदान की गई, ये हैं -
सवाईमाधोपुर से श्योपुर सड़क (33.90 किमी.)
सवाईमाधोपुर जिले से खण्डार होते हुए श्योपुर (मध्यप्रदेष सीमा) तक कुल 33.90 किमी. में सडक का 10 मीटर में चौडाईकरण एवं सुदृृढीकरण का कार्य किया जाएगा। यह एनएच-552 का ही विस्तार है। इससे सवाईमाधोपुर में रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेष जी के मन्दिर, रणथम्भौर नेशनल पार्क, सवाईमानसिंह सेन्चुरी, चौथ माता मन्दिर, चौथ का बरवाडा, महादेव शिवाड़ आदि धार्मिक व पर्यटक स्थलों पर आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों का मार्ग सुगम होगा।
फतेहपुर से झुंझुनूं खण्ड (एनएच-11, 27.85 किमी)
खान ने बताया कि फतेहपुर मण्डावा झुन्झुनू सड़क 30-35 वर्ष पूर्व विभिन्न योजनाओं में निर्मित की गयी थी। एनएच घोषित होने से पूर्व सड़क की स्थिति काफी क्षतिग्रस्त थी एंव एनएच सं.-11 घोषित होने के बाद पैच मरम्मत एवं सामयिक नवीनीकरण कराया गया था। इस सड़क का कार्य पूर्ण होने के बाद फतेहपुर, बलोद, बडी, दौलताबाद, ताजसर, सदीनसर, मण्डावा, ढाणी जोगियान, भयोपुरा, लुमास, वाहिदपुरा, हेतमसर, चतरपुरा, दुराना, दुर्जनपुरा, आबूसर, सीतसर, नयासर एवं झुन्झुनू इत्यादि गावों/कस्बों को सुगम एवं सुचारू परिवहन के लिए उच्च गुणवत्ता की सड़क उपलब्ध होगी।
राजगढ-हरियाणा सीमा (एनएच-709 विस्तार, 54.675 किमी)
राजगढ से पिलानी हरियाणा बॉर्डर तक की सड़क भी लगभग 35-40 वर्ष पूर्व भिन्न योजनाओं में निर्मित की गयी थी एवं एनएच सं.-709 (विस्तार) घोषित होने से पहले यह काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। इस सड़क के निर्माण से राजगढ-पिलानी-सुरजगढ-हरियाणा बॉर्डर के मध्य आने वालें गावों राजगढ, थिरपाली बडी, रायला, पिलानी (सुरजगढ) के लगभग 3-4 लाख लोग लाभान्वित होगें। खान ने बताया कि षिक्षा की दृष्टि से पूरे देष में अहम स्थान रखने वाले बिट्स पिलानी के छात्र-छात्राओं के लिए आवागमन काफी सुविधाजनक रहेगा।
झाडोल-अम्भाबेली (एनएच-58ई, 59.695 किमी)-कुण्डेल-झाडोल (एनएच-58ई, 58.03 किमी)
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 ई उदयपुर-कुंडाल-नयाखेड़ा-फलासिया-सोम-खोखरा-अम्बावेली (गुजरात सीमा तक) की कुल लम्बाई करीब 118 किलोमीटर है। उदयपुर जिले में स्थित इस सड़क के दोनों फेज में 40 गांवों के 30 लाख से भी अधिक लोगों को लाभ होगा।
Published on:
06 Apr 2018 07:46 pm
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