गौरतलब है कि गैंग के फरीदाबाद निवासी रितेश गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी और रविवार को मास्टर माइंड एरिक को रविवार रात को मुम्बई एयरपोर्ट से पकड़ा था। एरिक चार साल से मेडिकल वीजा पर भारत में रहकर सायबर ठगी कर रहा था। एसओजी मामले में ठगी के लिए ऑटो चालकों के बैंक खाते खुलवाने वाले आरोपी को और तलाश रही है।
समाप्त चुकी थी पासपोर्ट की अवधि पुलिस इंस्पेक्टर प्रमेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी एरिक को कमरदर्द की समस्या है। इसलिए वर्ष 2015 मेडिकल वीजा से भारत आया था। जनवरी 2020 तक उसका वीजा था। एरिक की पासपोर्ट अवधि खत्म हो चुकी थी। इसलिए वह दिल्ली में नहीं रहना चाहता था, क्योंकि दिल्ली में डिटेक्शन सेंटर है और उसे इमीग्रेशन टीम भी डिपोर्ट कर रही थी। इस वजह से इधर-उधर घूम रहा था।
4 जनवरी को थी शादी आरोपी की चार जनवरी को शादी है। इसलिए वह ठगी के पैसों से शॉपिंग कर रहा था। उसके पास से पुलिस को दो सूटकेस में काफी सामान मिला है।
यों आया पकड़ में नाइजीरियन
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने बताया कि ठगों ने एक खाते में एक लाख रुपए डलवाए थे। इसकी जानकारी ली तो वह दिल्ली में ट्रेवल एजेंट का निकला। ट्रेवल एजेंट ने बताया कि नाइजीरिया निवासी एरिक का नाम बताया। एरिक ने एजेंट को कहा कि दोस्त के खाते से आपके खाते में पैसे डलवा रहा हूं। टिकट बनाकर दे दो। एजेंट ने 48 हजार रुपए का टिकट दे दिया और 52 हजार रुपए उसको दे दिए। पुलिस ने टिकट नंबर, नाम लेकर मुंबई एयरपोर्ट पहुंची। वहां उसे गिरफ्तार कर लिया।