फिर चाहे बाजार दर से किराया ही क्यों ना चुकाना पड़े। कुछ अफसर तो जिम्मेदारी बदलने पर दूसरा बंगला मिलने के बाद भी पुराना आवास नहीं छोड़ रहे। इधर, सरकार इस बात से परेशान है कि जयपुर में पदस्थापित 50 से ज्यादा अफसर प्रथम श्रेणी का आवास मांग रहे हैं और बंगले हैं ही नहीं।
पूर्व मुख्य सचिव निहालचंद गोयल को सेवानिवृत्त हुए 2 साल से ज्यादा समय बीत चुका है। वह फिलहाल रेरा के चेयरमैन हैं। गोयल ने सरकार से गांधीनगर में सरकारी बंगला आवंटित कराया। गोयल हर 6 माह में सरकारी बंगले में रहने की अनुमति ले लेते लेकिन इस बार उच्च स्तर से साफ कह दिया गया कि गोयल को यह बंगला आवंटित नहीं किया जाए। लगभग 2 माह पहले सरकार ने उन्हें बंगला खाली करने का आदेश थमा दिया। हालांकि उन्होंने यह बंगला अब तक खाली नहीं किया है।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने गोयल को स्पष्ट कर दिया है कि रेरा चेयरमैन को मिलने वाली सुविधाओं में बंगला आवंटन का प्रावधान नहीं है। इसलिए बंगला खाली कर दें। इसी तरह वरिष्ठ आइएएस अधिकारी राजीव स्वरूप को सरकार ने गृह सचिव से राज्य का मुख्य सचिव बना दिया। गांधीनगर में पहले से आवंटित आवास को छोड़कर राजीव टोंक रोड स्थित बंगले में चले गए। यह बंगला मुख्य सचिव के लिए आरक्षित है। जबकि गांधीनगर वाला बंगला भी रिकॉर्ड में फिलहाल उन्हीं के नाम है।
दरअसल, राजीव के दोहरे बंगले का पेच पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता के बंगले में फंसा है। गुप्ता ने मुख्य सचिव पद से हटने के बाद राजीव का गांधीनगर स्थित बंगला मांगा। मुख्य सचिव बनने के बाद राजीव को ईयर मार्क बंगले में रहना था लेकिन परेशानी यह आई कि गुप्ता बंगला खाली नहीं करें तब तक राजीव अपना बंगला कैसे छोड़ें? ऐसे में गुप्ता को गांधीनगर में ही दूसरा बंगला आवंटित किया गया। अब राजीव ने नए बंगले में जाने के बाद पुराना बंगला खाली करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बंगला खाली करने के नियम
राज्य सरकार के नियमों के अनुसार अफसर को सेवानिवृत्त होने के 2 माह के भीतर सरकारी बंगला खाली करना होता है। बंगला खाली नहीं हो तो 6 माह तक रियायती दर पर किराया देकर बंगले में रहने की अनुमति ली जा सकती है। इसके लिए मुख्यमंत्री की अनुमति जरूरी है। छह माह से अधिक रहने पर बाजार दर से किराया देना होगा। इसके लिए भी उच्च स्तर से अनुमति जरूरी है। ऐसे ही मुख्य सचिव के नाम आवंटित बंगला सेवानिवृत्त होने के एक माह बाद खाली करना होता है ताकि नए मुख्य सचिव उसमें निवास कर सकें।
सरकार ने आगे के लिए बंगले का आवंटन रद्द कर दिया है तो खाली कर दूंगा।
– निहालचंद गोयल, पूर्व मुख्य सचिव
मैं एक सप्ताह पहले ही मुख्य सचिव आवास में आया हूं। अभी बंगले में छोटे-मोटे काम चल रहे हैं इसलिए शिफ्टिंग पूरी नहीं हो सकी। काम पूरा होते ही गांधीनगर वाला आवास खाली कर देंगे।
– राजीव स्वरूप, मुख्य सचिव