जयपुर

निकाय चुनाव के लिए इंतजार खत्म, खुल रही हैं लॉटरी

प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव की लॉटरी का इंतजार खत्म हो गया है। 52 निकायों में आरक्षण की लॉटरी 18 सितंबर को निकाली जाएगी।

जयपुरSep 08, 2019 / 12:00 pm

rahul

जयपुर नगर निगम:

जयपुर। प्रदेश में नगर निकायों (Nagar Nikay Chunav)के चुनाव की लॉटरी (Lottery)का इंतजार खत्म हो गया है। 52 निकायों में आरक्षण की लॉटरी 18 सितंबर को निकाली जाएगी। इसके लिए सभी सम्बन्धित जिला कलक्टरों को निर्देश दे दिए गए है। लॉटरी के बाद पता लग जाएगा कि कौनसा वार्ड किसके वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा और इसी के साथ नेताओं के इंतजार की घड़िया खत्म हो जाएगी
लोकसभा और विधानसभा के बाद प्रदेश में शहरी सरकारों के लिए चुनाव होने जा रहे है। सरकार ने एलान कर दिया है कि निकायों में वार्ड आरक्षण और मेयर,(mayer) सभापति और नगरपालिका अध्यक्षों की लॉटरी इसी माह निकाल दी जाएगी और इसी के साथ शुरु हो जाएगा चुनाव का शोरगुल। कांग्रेस और भाजपा के छोटे कार्यकर्ता इन्हीं चुनाव का इंतजार करते है क्यों कि उन्हें चुनाव लड़ने का ज्यादातर मौका इन्हीं चुनाव में मिलता है और वो शहरी सरकार के प्रतिनिधि बनकर अपनी सत्ता भी चलाते है।(Lottery)
प्रदेश में कुल 193 नगर निकाय है और उनमें चार चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण में 52 निकाय शामिल है और उनमें छह बडे नगर निगम भी है। इन सभी में नए सिरे से वार्डो का पुर्नसीमाकंन हो चुका है और उसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। यहीं नहीं अब राज्य के सभी निकायों में जनसंख्या के आधार पर वार्डो की संख्या भी बढ़ा दी गई है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों की संख्या भी ज्यादा हो जाएगी। जयपुर की ही बात करें तो यहां अब 91 वार्ड की जगह डेढ सौ वार्ड कर दिए गए है। हालांकि वार्ड का क्षेत्र छोटा हो जाएगा जिससे काम करने में परेशानी भी कम होगी।
कांग्रेस और भाजपा ने इन निकायों के चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट कह चुके है कि कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी। अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाएगी क्यों कि इन चुनावों से सरकार और पार्टी की छवि का भी फैसला होना है। वहीं भाजपा इन चुनावों में आर्टिकल 370 को आधार बनाकर चुनाव मैदान में उतर रही है और पूरे प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा, हालांकि भाजपा ने कांग्रेस पर परिसीमन में गड़बड़ी का आरोप लगाया है लेकिन कांग्रेस इससे गलत बता रही है।
निकायों की लॉटरी के साथ ही दोनों दल अपनी अपनी रणनीति का तैयार करने में जुट जाएंगे और जीत के लिए पूरा जोर लगाएंगे ऐसे में देखना यह है कि जनता प्रदेश में सत्तारूढ कांग्रेस को विजय का आर्शिवाद देती है या भाजपा के साथ जाती है।
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