पांच साल पहले अमानीशाह नाले (द्रव्यवती नदी) में
गिराई बहुमंजिला इमारत का जिक्र करना भी नहीं भूले। सरवटे ने बताया कि निम्स में बनी इमरतें अलग-अलग है, इन्हें बीच में से काटने की जरूरत नहीं होगी, इसलिए ध्वस्त करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। जबकि, अमानीशाह नाले में गिराई गई एरा इमारत को पहले दो हिस्सों में बांटना पड़ा था, जिससे समय लगा।
– यहां 4 इमारतें हैं, जिसमें से 1 इमारत की चौड़ाई 200 फीट से ज्यादा है। बाकी तीनों इमारतें चार मंजिला और चौड़ाई सौ फीट ही है।
– ज्यादा चौड़ी इमारत को दो टुकड़ों (वर्टिकल) में बांटा जाएगा। इस तरह इमारतों के 5 भाग हो जाएंगे।
– पहले हर इमारत की भूतल व पहली मंजिल की दीवारें हटाई जाएंगी। इसमें बाहरी और कमरों के बीच की दोनों दीवारें शामिल हैं। इसके बाद इनके पिलर को ड्रिल कर उसमें बारूद की छड़ें लगाई जाएगी।
– इस प्रक्रिया में कम से कम सात दिन का समय लगेगा।
– इसके अगले दिन नियंत्रित विस्फोटक तकनीक से इमारतों को ध्वस्त किया जाएगा।
विवि प्रशासन ने जेडीए में आवेदन कर इस जमीन को आवंटित करने की मांग की थी। आवंटन के लिए जेडीए ने जमीन की जांच सिंचाई विभाग से करवाई तो उसे नदी के बहाव क्षेत्र की बताया। सिंचाई विभाग इस रिपोर्ट के बाद जेडीए ने सरकार को पत्र लिखकर जमीन का आवंटन नहीं करने की सिफारिश की।