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125 किलो बारूद से ध्वस्त होंगी निम्स की 4 इमारतें, 50 लाख रुपए होंगे खर्च

locationजयपुरPublished: Nov 17, 2017 12:00:21 pm

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dinesh

जयपुर पहुंचे विस्फोटक विशेषज्ञ बी.एस.सरवटे ने टीम के साथ किया निरीक्षण…

Blast
जयपुर। निम्स यूनिवर्सिटी में बहाव क्षेत्र में बनाई गई 4 अवैध इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 100 से 125 किलो बारूद की जरूरत होगी। शुरुआत से मलबा हटाने तक का खर्चा 45 से 50 लाख रुपए तक होगा। इसे पूरी तरह हटाने में कम से कम 10 दिन का समय लगेगा। इसके लिए नियंत्रित विस्फोटक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। विशेषज्ञ एस.बी. सरवटे गुरुवार शाम को इंदौर से जयपुर पहुंचे और सीधे दिल्ली रोड स्थित यूनिवर्सिटी गए। उन्होंने इमारतों का जायजा लिया। इमारत से करीब 50 मीटर दूर से गुजर रही आईओसीएल की पाइपलाइन और इसके आसपास की इमारतों का भी जायजा लिया। सरवटे के साथ उनके सहायक आनंद शर्मा, जेडीए के मुख्य नियंत्रक (प्रवर्तन) राजेन्द्र सिसोदिया सहित अन्य अधिकारी भी रहे। उधर, जेडीए ने शुक्रवार से अवैध निर्माण हटाने की तैयारी कर ली है। पहले दिन लोखंडा मशीन व जेसीबी से निर्माण हटाए जाएंगे। जेडीए ध्वस्तीकरण में होने वाला खर्च यूनिवर्सिटी प्रशासन से वसूलेगा।
एरा इमारत को नहीं भूले…
पांच साल पहले अमानीशाह नाले (द्रव्यवती नदी) में
गिराई बहुमंजिला इमारत का जिक्र करना भी नहीं भूले। सरवटे ने बताया कि निम्स में बनी इमरतें अलग-अलग है, इन्हें बीच में से काटने की जरूरत नहीं होगी, इसलिए ध्वस्त करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। जबकि, अमानीशाह नाले में गिराई गई एरा इमारत को पहले दो हिस्सों में बांटना पड़ा था, जिससे समय लगा।
विवि प्रबंधन दिनभर कार्रवाई रुकवाने में जुटा रहा। यहां तक की जेडीए अधिकारियों से संपर्क साधते रहे। खुद चेयरमैन तोमर अफसरों से संपर्क में रहे। हालांकि, जेडीए प्रबंधन ने साफ कर दिया कि कार्रवाई होगी। उन्होंने इमारत के पास से ओओसीएल की तेल पाइप लाइन गुजरने का तर्क देते हुए कार्रवाई रुकवाने की कोशिश की, लेकिन उसमें भी सफल नहीं हो पाए। गुरुवार को आईओसीएल के अफसरों भी बुला लिया, उन्होंने किसी तरह के खतरे की आशंका नहीं बताई।
– पहले 2 मंजिल की दीवारें हटेंगी, फिर पिलर पर लगाएंगे बारूद
– यहां 4 इमारतें हैं, जिसमें से 1 इमारत की चौड़ाई 200 फीट से ज्यादा है। बाकी तीनों इमारतें चार मंजिला और चौड़ाई सौ फीट ही है।
– ज्यादा चौड़ी इमारत को दो टुकड़ों (वर्टिकल) में बांटा जाएगा। इस तरह इमारतों के 5 भाग हो जाएंगे।
– पहले हर इमारत की भूतल व पहली मंजिल की दीवारें हटाई जाएंगी। इसमें बाहरी और कमरों के बीच की दोनों दीवारें शामिल हैं। इसके बाद इनके पिलर को ड्रिल कर उसमें बारूद की छड़ें लगाई जाएगी।
– इस प्रक्रिया में कम से कम सात दिन का समय लगेगा।
– इसके अगले दिन नियंत्रित विस्फोटक तकनीक से इमारतों को ध्वस्त किया जाएगा।
नहीं चला जुगाड़
विवि प्रशासन ने जेडीए में आवेदन कर इस जमीन को आवंटित करने की मांग की थी। आवंटन के लिए जेडीए ने जमीन की जांच सिंचाई विभाग से करवाई तो उसे नदी के बहाव क्षेत्र की बताया। सिंचाई विभाग इस रिपोर्ट के बाद जेडीए ने सरकार को पत्र लिखकर जमीन का आवंटन नहीं करने की सिफारिश की।
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