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नींदड़ आवासीय योजनाःआर्थिक स्थिति खराब होने के चलते 1300 बीघा अवाप्त जमीन को JDA लेगा कब्जे में

locationजयपुरPublished: Sep 16, 2017 12:45:38 pm

Submitted by:

rajesh walia

जेडीए शहर के सीकर रोड पर प्रस्तावित पहले से अवाप्त प्रक्रिया में चल रही नींदड़ आवासीय योजना के लिए 1300 बीघा जमीन को कब्जे में लेगा।

Due to poor economic condition, JDA will be taken 1300 underdeveloped lands proposed for Ninder Housing Project
जेडीए शहर के सीकर रोड पर प्रस्तावित नींदड़ आवासीय योजना के लिए 1300 बीघा जमीन को कब्जे में लेगा। शनिवार को सीकर रोड से लगती 15 बीघा जमीन से कब्जा लेने की शुरुआत की जाएगी। इस पर कब्जा लेने के बाद योजना का हाईवे पर फ्रंट मिल जाएगा। जेडीए की आर्थिक स्थिति खराब है तथा नए भूमि अवाप्ति कानून के बाद जमीन लेने में दिक्कत है। ऐसे में जेडीए पहले से अवाप्त प्रक्रिया में चल रही जमीन पर कब्जा लेने की तैयारी कर ली है। जेडीए जोन-12 डिप्टी कमिश्नर राजकुमार सिंह ने बताया कि लोगों ने निर्मित निर्माण स्ट्रक्चर्स नहीं हटाए हैं। अब जेडीए शनिवार को उन निर्माण स्ट्रक्चर्स हटाने की कार्यवाही करेगा।
राजधानी में जेडीए की आवासीय योजनाओं में 18,000 भूखंड में ज्यादातर खाली पड़े हुए हैं, वहीं अब नींदड़ आवासीय योजना में 6,520 भूखंड सृजित करने की योजना की तैयारी हो गई है। काश्तकार—खातेदारों की कई याचिका खारिज होने और निस्तारण होने के बाद जेडीए यहां सक्रिय हुआ है। जेडीए की शनिवार को यहां कार्रवाई प्रस्तावित है। इसके लिए प्रभावितों को शनिवार सुबह तक अपने स्तर पर निर्माण हटाने के लिए कहा गया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे जेडीए का यहां 1 हजार करोड़ से ज्यादा रोकड़ कमाने का प्लान है। जेडीए ने अभी तक शहर में कई आवासीय योजना सृजित की हैं, लेकिन एक—दो को छोड़ सभी जगह आवंटी तो क्या परिंदा तक बमुश्किल नजर आता है। जेडीए ने दावा किया है जिन काश्तकार—खातेदारों ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया और न ही जमीन समर्पित की है, उनकी मुआवजा राशि सिविल कोर्ट में जमा करा दी गई है। ऐसे में अब जेडीए कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।
प्लानिंग पर कुछ मामले अभी कोर्ट में

जेडीए की अगले दो—तीन माह में योजना में आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू करने प्लानिंग है। इसके लिए जेडीसी, उपायुक्त व अन्य अधिकारियों के बीच मंथन भी हो चुका है। हालांकि, अब भी कुछ मामले कोर्ट में है। इसमें 15 खातेदारों की याचिका है, जिसमें सुनवाई मंगलवार को होनी है। जेडीए को नोटिस जारी हो चुके हैं। इसके बाद स्थिति और ज्यादा साफ होगी।
पुरानी बदहाल, नई से उजड़ेंगे 20,000

जेडीए 13 साल में अब तक दो दर्जन से ज्यादा योजनाएं सृजित कर चुका है। इसमें 18 हजार से ज्यादा भूखण्ड हैं। अधिकतर योजनाओं में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। इसके बावजूद जेडीए नींदड़ गांव के 5 हजार परिवारों यानि करीब 20 हजार लोगों को उजाड़कर दूसरे लोगों को बसाने की फिर से तैयारी कर रहा है। ये लोग 18 कॉलोनी और 19 ढाणियों में बसे हैं। प्रस्तावित योजना के 1.5 से 6 किलोमीटर के दायरे में ही जेडीए की तीन आवासीय योजना पहले से हैं।

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