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निर्भया केस-दरिंदे मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका

locationजयपुरPublished: Jan 14, 2020 08:25:07 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

Nirbhya Gangrape and Murder)निर्भया गैंगरेप मामले का दोषी मुकेश सिंह ने मंगलवार को (President Ramnath Kovind ) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास (Mercy Petition) दया याचिका दायर की है। मुकेश सिंह सहित चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी लगाकर मौत की सजा दी जानी है।

निर्भया केस-दरिंदे मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका

निर्भया केस-दरिंदे मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका

जयपुर

(Nirbhya Gangrape and Murder)निर्भया गैंगरेप मामले का दोषी मुकेश सिंह ने मंगलवार को (President Ramnath Kovind ) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास (Mercy Petition) दया याचिका दायर की है। मुकेश सिंह सहित चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी लगाकर मौत की सजा दी जानी है।

मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बैंच ने मुकेश और विनय शर्मा की क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज कर दी है। क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट रिव्यू पिटिशन खारिज होने के बाद उपलब्ध अंतिम कानूनी विकल्प होता है।
पांच जजों ने सर्वसम्मति से माना है कि दोनों दरिदों की क्यूरेटिव पिटिशन में कोई दम नहीं है। बैंच ने कहा है कि क्यूरेटिव पिटिशन के दस्तावेजों का अवलोकन करने से साफ है कि इसमें रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा एवं अन्य के मामले में 2002 के फैसले में प्रतिपादित मानकों के दायरे में कोई मामला नहीं बनता है।

22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी

7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट के एडीजे ने चारों दरिदों को 22 जनवरी को सवेरे सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी का फंदा लगाकर मौत की सजा देने के लिए डैथ वारंट जारी किया था। इसके बाद नौ जनवरी को विनय और मुकेश ने क्यूरेटिव पिटिशन सुधारात्मक याचिका दायर की थीं। जबकि दो अन्य दरिदों अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता ने अभी तक क्यूरेटिव पिटिशन दायर नहीं की हैं।

दक्षिण दिल्ली में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह दरिंदों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह से जख्मी हालत में पीड़िता को सड़क पर फेंक दिया था। इस छात्रा की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। इस सनसनीखेज अपराध में शामिल एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था और उसके खिलाफ किशोर न्याय कानून के तहत कार्यवाही की गयी थी। इस नाबालिग को तीन साल तक सुधार गृह में रखा गया था।

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