युवती ने पर्चा बयान में बताया कि वर्ष 2018 में ज्योति नगर थाने में बलात्कार और उस पर जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था। उक्त मामला थाने के कांस्टेबल कपिल शर्मा के खिलाफ दर्ज कराया था। इसी वर्ष उक्त मामले में दीपेश चतुर्वेदी से मुलाकात हुई। दीपेश ने खुद को सचिवालय स्थित मानवाधिकार आयोग में उपनिदेशक बताया और कपिल को गिरफ्तार कराने का आश्वासन दिया। बदले में 45 हजार रुपए उससे ले लिए। कार्रवाई नहीं होने पर दो दिन पहले सचिवालय गई, वहां पता चला कि दीपेश मानवाधिकार आयोग में नहीं है। तब मंगलवार रात करीब सवा नौ बजे प्रेम नगर में दीपेश के घर पहुंची, वहां पर दीपेश के परिजनों को उससे हुई बातचीत की रिकॉडिंग सुना रही थी, तभी पीछे सिर में किसी ने जोरदार मारा। होश आया तो एक कमरे में बंद थी। वहां पर दीपेश, कपिल और दो अन्य युवक थे।
उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए डॉक्टर अनुराग शर्मा को फोन किया और कहा कि इसको सबक सीखा दिया है। इसे खत्म कर देंगे, क्या करना है। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि सिगरेट से उसके इंटरनल पार्टस को दाग रखा था। इंजेक्शन लगा रखा था। जगह-जगह ब्लेड से चीरा लगा रखा था और फिर मारपीट की। इससे बेहोश हो गई। होश आया तो जंगल में पड़ी थी। उसके मुंह में पकड़ा ठूंसकर टेप लगा रखी थी। हाथ-पैर बंधे थे।
सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही पुलिस घटना को गंभीरता से लेते हुए युवती के बताए हुए स्थानों के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है। डीसीपी राहुल जैन घटना के बाद से ही मामले की तह तक जाने में जुटे थे। दिनभर से कानोता थाना और आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रहे थे। डीसीपी जैन ने बताया कि महिला की कही हुई हर बात को सच मानते हुए जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। लोकेशन सहित वैज्ञानिक तरीके से भी मामले की जांच की जा रही है। भाजपा नेत्री सुमन शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर पीडि़त युतवी से मुलाकात कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।