scriptकोटा से छात्रों को बुलाने के मामले में बच निकले नीतिश | Nitish escaped in the matter of calling students from Kota | Patrika News

कोटा से छात्रों को बुलाने के मामले में बच निकले नीतिश

locationजयपुरPublished: Apr 28, 2020 01:17:36 pm

Submitted by:

Sharad Sharma

पीएम के साथ बैठक में मामला केंद्र सरकार के पाले में डालाकेंद्र से इस संबंध में स्पष्ट नियम बनाने की मांग कीकहा: नियम में बदलाव होने तक छात्रों को बुलाना संभव नहीं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर कोटा से बिहार के छात्रों को वापस बुलाने के मामले में साफ बच कर निकल गए। मामले में उन्होंने मामले में एक नीति बनाने की मांग करते हुए बॉल केंद्र सरकार के कोर्ट में डाल दी है। इसके चलते राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के 11 हजार छात्रों के वापसी पर फिर से विराम लग गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान नीतिश ने कहा कि देश में कब तक लॉकडाउन रहेगा, यह निर्णय केंद्र को लेना है क्योंकि केंद्र के पास देश-विदेश के तमाम विशेषज्ञों की सूचनाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने राज्य के बाहर रह रहे लोगों को बुलाने के लिए केंद्र सरकार से स्पष्ट नीति बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोटा समेत अन्य राज्यों से छात्रों को बुलाने के लिए देश में एक नीति होनी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोटा मुद्दे पर स्पष्ट नीति बनाने की मांग की।
बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि कोटा समेत अन्य राज्यों से छात्रों को वापस बुलाने के लिए एक ही नीति बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब साफ कहा गया कि लोगों का आना-जाना बंद है, फिर भी कुछ राज्य बच्चों को बुला रहे हैं। हम सिर्फ केंद्र के फैसले का पालन कर रहे हैं और बिहार की आलोचना हो रही है। बच्चों के अलावा नीतीश कुमार ने मजदूरों को लेकर भी नीति बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि बिहार केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक लॉकडाउन का पालन कर रहा है। जब तक नियमों में बदलाव नहीं होगा, तब तक हमारे लिए किसी को भी बिहार बुलाना संभव नहीं है।
नीतीश कुमार ने कहा कि 14 अप्रैल तक बिहार में 66 कोरोना पॉजिटिव केस थे। अब इसकी संख्या 290 हो गई है। राज्य के 22 जिलों के 48 प्रखंड में कोरोना पॉजिटिव मामले हैं, जबकि 56 मरीज स्वस्थ्य होकर घर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी बिहार में 6 लैब काम कर रही हैं, जिससे जांच में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि हमलोग पूरे राज्य में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग करा रहे हैं। पल्स पोलियो के आधार पर चल रहे इस स्क्रीनिंग अभियान में 75 लाख परिवार के 4 करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभी भी राज्य में बाहर से लोग आ रहे हैं और उनमें से कई संक्रमित भी हैं जो अन्य लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि मेरा विनम्र निवेदन है कि जो लोग भी बाहर से भेजे जा रहे हैं, उनके स्वास्थ्य की जांच पहले करा ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के साथ-साथ अन्य बीमारियों के इलाज के लिए हमलोग अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ा रहे हैं। इसके लिए बिहार को अतिरिक्त वेंटिलेटर और टेस्टिंग किट की आवश्यकता है।
आपको बता दे की हर साल हजारों की संख्या में विभिन्न राज्यों से छात्र प्रदेश के कोटा में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए आते हैं। यहां पर ये लोग मुख्य रूप से मेडिकल, इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते हैं। कोटा में तैयारियों के लिए अच्छी सुविधा और रिजल्ट होने के कारण भारी संख्या में छात्रों का यहां आकर तैयारी करने का रूझान रहता है। केंद्र की ओर से लॉकडाउन लगाने के बाद यहां पर हजारों की संख्या में छात्र फंस गए थे। इसमें से अधिकांश राज्यों ने अपने छात्रों को यहां से निकालने की कवायद शुरू कर दी है, वहीं बिहार ने फिलहाल इस संबंध में कुछ भी कार्रवाई नहीं करने का निर्णय किया है। इससे छात्रों के साथ—साथ राजस्थान सरकार की भी परेशानियों में इजाफा हुआ है।
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