राज्य सरकार और मिड-डे-मील योजना के आयुक्तालय को आए दिन इस तरह की सूचनाएं मिलती हैं। अब मिड-डे-मील के उपनिदेशक प्रशासन प्रदीप प्रकाश गोयल ने इस संबंध में प्रदेश के सभी प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों से इस संबंध में जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि केन्द्रीयकृत रसोईघर, अन्नपूर्णा सहकारी समिति व अन्य संस्थाओं द्वारा जिन विद्यालयों में पोषाहर वितरण किया जा रहा है उन विद्यालयों में भी रसोईघर का निर्माण कराना था और गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने थे। मिड-डे-मील के उपनिदेशक प्रशासन ने जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि बार-बार निर्देश देने के बाद उनकी रिपोर्ट निराशाजनक है, जिसे राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है।
अब उन्होंने जल्द ही इसकी प्रगति रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में रसोईघर निर्माण और गैस कनेक्शन की शत प्रतिशत उपलब्धता कराने के निर्देश दिए हैं। ये मांगी है सूचना
– जिले में कुल विद्यालय
– जिले में कुल मदरसा
– मिड डे मील योजना के तहत निर्मित रसोईघर की संख्या
– शेष विद्यालय जिनमें रसोईघर बनवाने हैं
– रसोईघर निर्माण नहीं होने का कारण
– जिले में कुल विद्यालय
– जिले में कुल मदरसा
– मिड डे मील योजना के तहत निर्मित रसोईघर की संख्या
– शेष विद्यालय जिनमें रसोईघर बनवाने हैं
– रसोईघर निर्माण नहीं होने का कारण
हम आपको बता दें कि योजना के तहत खाना खाकर कर्इ बार बच्चों के बीमार होने की खबरें आती रहती हैं। साथ ही कर्इ बार भोजन में कीड़े मिलने की भी शिकायत भी आम है। बावजूद इसके अभी तक इस आेर कोर्इ ध्यान नहीं दिया जाता है। खुले में भोजन पकने के चलते कर्इ बार एेसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है, वहीं लकड़ियों पर भोजन पकाने के चलते भी कर्इ तरह के नुकसान झेलने पड़ते हैं।