scriptमस्कट में फंसे राजस्थानी मजदूरों की व्यथा, टिकट के बावजूद विमान में नहीं चढ़ सके | No Food No Pay: 20 Rajasthani Workers Stranded in Muscat | Patrika News

मस्कट में फंसे राजस्थानी मजदूरों की व्यथा, टिकट के बावजूद विमान में नहीं चढ़ सके

locationजयपुरPublished: Nov 11, 2017 08:49:25 am

Submitted by:

santosh

राजस्थान मूल के प्रवासी मजदूर, जिन्हें जॉब एजेंट ने फर्जी वादा कर मस्कट काम करने के लिए भेजा था, वह टिकट होने के बावजूद विमान में नहीं चढ़ सके।

rajasthani workers
जयपुर/चेन्नई। राजस्थान मूल के प्रवासी मजदूर, जिन्हें जॉब एजेंट ने फर्जी वादा कर मस्कट काम करने के लिए भेजा था, वह विमान की टिकट होने के बावजूद विमान में नहीं चढ़ सके। इसका कारण यह था कि अल रमूज कंपनी जिसके यहां ये कर्मचारी काम करते थे, उसने मजदूरों को पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही पत्रिका ने मस्कट में फंसे राजस्थानी मूल के मजूदरों का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद भारत से लेकर मस्कट में मौजूद भारतीय अधिकारी हरकत में आए।
राजस्थान के सीकर, चूरू, झूंझुनू और नागौर जिले से करीब 20 लोग इस साल अप्रेल महीने में अलग-अलग निजी भर्ती एजेंसियों के जरिये सुनहरे भविष्य के सपने संजोए मस्कट पहुंचे। वहां उनको अल रमूज ग्रुप ऑफ कंपनीज में मिस्त्री और कारपेंटर का काम दिलाने का वादा किया गया था। लेकिन वहां जाने के बाद इनसे पत्थर तोडऩे, सफाई व खुदाई जैसे भारी कार्य कराया जा रहा है। करीब छह महीने काम करने के बाद इन्हें दो माह का वेतन दिया गया और मजदूरों ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने इन मजदूरों का दाना-पानी बंद कर दिया।
मामले के प्रकाश में आने के बाद मस्कट स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने हस्तक्षेप करते हुए कंपनी के अधिकारियों से बात कर मजदूरों को वतन वापस भेजने का भरोसा दिलाया और प्रत्येक मजदूर को वित्तीय सहायता भी दी। इनमें से तीन मजदूरों को धोखा देने वाले एजेंट वहीं मस्कट में थे, जिसपर दूतावास ने दबाव बनाया तो वे उनके सामने पेश हुए। इस बीच कंपनी ने शर्त रखी कि मजूदरों को काम पर रखने के लिए उन्होंने प्रति व्यक्ति दो लाख रुपए वहां की सरकार को भरे हैं, जिसे वापस लेने के बाद ही वह पासपोर्ट वापस करेंगे। वहां के एजेंट ने तीन मजदूरों के एवज में रुपए कंपनी को वापस करने का वादा दूतावास के अधिकारियों के समक्ष किया। एजेंट ने तीनों के शुक्रवार को वतन वापसी की टिकट बना रखी थी, लेकिन कंपनी ने पैसे लेने के बावजूद पासपोर्ट वापस नहीं किए।
मस्कट स्थित भारतीय दूतावास में शुक्रवार और शनिवार की छुट्टी रहती है। इसलिए मुद्दे की जानकारी वहां मौजूद मजदूरों ने दूतावास के अधिकारियों को नहीं दी, अब वे रविवार होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनकी समस्या का जल्द कोई समाधान हो सके। इस बीच कंपनी वाले मजूदरों को धमकी दे रहे हैं कि किसने मीडिया में ये खबरे प्रकाशित की। वहां मजदूरों को अब धमकाया जा रहा है कि उनके साथ और भी बदतर सलूक किया जाएगा।
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