मुकदमे घटाने की पहल, घूमने-फिरने को नहीं मिलेंगी छुट्टी
जयपुरPublished: Oct 26, 2018 11:36:39 pm
– हाईकोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों के लिए जारी किए दिशानिर्देश
न्यायिक अधिकारियों को छुट्टियों में ही घूमने-फिरने का प्लान बनाना होगा, सामान्य परिस्थितियों में कार्यदिवस के दौरान घूमने के लिए लम्बी छुट्टियां नहीं मिलेंगी। हाईकोर्ट ने मुकदमों का अंबार घटाने के लिए गंभीरता दिखाते हुए यह भी संकेत दिया है कि दो अवकाशों के बीच के कार्यदिवस पर छुट्टी लेने वालों और मूल मुकदमों के बजाय प्रार्थना पत्र का निस्तारण करके कोटा पूरा करने वाले न्यायिक अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
हाईकोर्ट प्रशासन ने अदालतों की कार्यप्रणाली में बदलाव और न्यायिक अधिकारियों के समय के बेहतर उपयोग के लिए न्यायिक अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए हैं। इनकी पालना नहीं होने पर सख्ती दिखाने का भी संकेत दिया है। हाईकोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों के जजों के 5 से 10 साल पुराने मुकदमों की संख्या में कमी लाने के प्रयासों की तारीफ की है, वहीं कोटा पूरा करने के लिए विविध मुकदमों यानी प्रार्थना पत्रों के निस्तारण को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति को गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट ने ट्रायल के लिए लम्बित मुकदमों की संख्या में कमी लाने की मंशा जाहिर करते हुए उन न्यायिक अधिकारियों को चेताया है, जो विविध मुकदमों के निस्तारण के जरिए जल्दी कोटा पूरा करके बाकी दिनों में छुट्टियां मनाने चले जाते हैं। दो छुट्टियों के बीच के कार्यदिवस पर छुट्टी लेने, छुट्टी लेकर एलटीसी या एचटीसी या विदेश यात्रा पर जाने की प्रवृत्ति पर भी ऐतराज किया है।
सोशल मीडिया पर भी पाबंदी
हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से न्यायिक अधिकारियों को सोशल मीडिया एवं वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं करने को भी कहा गया है। साथ ही कहा है कि अवकाश के दिन किसी मुकदमे की सुनवाई की तारीख नहीं दी जाए।
डीजे करेंगे मॉनिटरिंग
जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से न्यायिक अधिकारियों की मॉनिटरिंग करने और हर दो माह में बैठक बुलाने को भी कहा गया है। साथ ही कहा है कि लम्बित मुकदमों की रिपोर्ट नियमित तौर पर जिले के निरीक्षक हाईकोर्ट न्यायाधीश को पेश की जाए, जिससे निरीक्षक हाईकोर्ट न्यायाधीश लम्बित मुकदमों में कमी के लिए सुझाव दे सकें।