संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि कोरोना के प्रथम फेज में सभी सफाई कर्मचारियों को पीपीई किट, मास्क, हैंड सैनिटाइजर, दस्ताने और गम ***** दिए गए थे। जिसके चलते कर्मचारी कोरोना की चपेट में नहीं आए। मगर दूसरे फेज में कोरोना की लहर खतरनाक होने के बाद भी किसी भी तरह के ना तो निगम प्रशासन और ना ही डोर टू डोर सर्वे का काम कर रही बीवीजी कंपनी ने अपने कर्मचारियों को सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराए हैं। यहां तक कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जा रहा है। इसकी वजह से कर्मचारियों में रोष है। संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को अपना मांग पत्र सौंपकर इस पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।
कल से काम का बहिष्कार बीवीजी के सुपरवाइजर जितेन्द्र डेडुदा की कंपनी की लापरवाही के चलते मौत हो गई है। कंपनी की ओर से कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के सुरक्षा संसाधन नहीं दिए गए हैं। इसके विरोध में बीवीजी कर्मचारियों ने गुरुवार से कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। डंडोरिया ने कहा कि जितेंद्र की मौत के लिए कंपनी प्रबंधन दोषी है। जब तक उनके परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा, मृतक के पुत्र को नौकरी, पत्नी को पेंशन और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए जाते, तब तक कर्मचारी काम नहीं करेंगे।