राज्य सरकार ने गुरूवार को एक आदेश जारी किया है जिसमें अब सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत 1 जून 2002 के बाद दो से ज्यादा बच्चे होने पर भी कर्मचारी-अधिकारी को पदोन्नति मिल सकेगी। इस फैसले के बाद कर्मचारियों में अब तो जो डर का महौल बना हुआ था वो खत्म हो गया है। दरअसल अभी तक सरकारी कर्मचारियों में सरकार के इस आदेश का खौफ था और वो किसी न किसी तरह बच्चों की सख्या को छिपाने में जुटे रहते थे।
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आठ लाख से ज्यादा को मिलेगा फायदा
राज्य सरकार के बदले इस आादेश से प्रदेश के करीब आठ लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है। ऐसे में प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। अभी तक सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति पर 3 साल तक रोक लगा रखी थी। उनको प्रमोशन और सैलरी बढ़ोतरी का फायदा 3 साल देरी से मिल पाता था ।
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सिलेक्शन ग्रेड भी रुक जाती थी
राज्य में जब भाजपा की सरकार थी और वसुंधरा राजे पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी, तब साल 2004 में ये नियम लागू किया था। उस समय सरकार ने किसी भी राज्य कर्मचारी या अधिकारी के 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा होने पर प्रमोशन को रोकने का फैसला किया था। सरकार ने प्रमोशन समेत अन्य दूसरे लाभ 5 साल तक रोकने का निर्णय किया था। मतलब अगर कोई कर्मचारी को प्रमोशन 1 जनवरी 2005 में मिलना होता था तो उसे इस आदेश की वजह से 1 जनवरी 2010 में दिया जाता था। इस दौरान उसको मिलने वाले कई तरह के फायदों से दूर रहना पड़ता था और काफी नुकसान होता था।
5 से घटाकर किए थे 3 साल
कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों के मुताबिक सरकार ने साल 2017 में इस प्रमोशन की अवधि को 5 से घटाकर 3 साल किया था। अब सरकार ने इस नियम को भी हटा दिया। अब 2 से ज्यादा बच्चे होने के बाद भी प्रमोशन और सैलरी में बढ़ोतरी को नहीं रोका जाएगा। राजस्थान आवासन मंडल कर्मचारी संघ से जुड़े नेताओं ने इस आदेश को लेकर खुशी जाहिर की है।
सरकार का यह फैसला अच्छा है और अब कर्मचारियों को जो पूर्व में पदोन्नति नहीं मिलती थी अब मिलने लगेगी। इससे कर्मचारियों को राहत मिल सकेगी।
गजेन्द्र सिंह राठौड़
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी सुयुक्त महासंघ एकिकृत