खुले में अस्पताल का कचरा मिला तो होगा ‘इलाज’
जयपुरPublished: Oct 23, 2021 02:17:17 am
— राज्य मानव अधिकार आयोग सरकार को याद दिलाएं नागरिक के अधिकार— सीएस से अस्पतालों के आसपास नियमित सफाई कराने को भी कहा
Treatment of black fungus in 28 hospitals of the state
जयपुर। राज्य मानव अधिकार आयोग ने अस्पतालों का कचरा खुले में डालने की शिकायत को
गंभीरता से लिया है। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग से कचरा प्रबंधन नियमों की अनदेखी करने वाले अस्पतालों से जुर्माना वसूलने, जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से सभी सरकारी व निजी अस्पतालों का निरीक्षण कराने और सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय कचरा निस्तारण प्लांट सुनिश्चित कराने को कहा है। साथ ही, मुख्य सचिव से शहरी निकायों के जरिए नियमित तौर पर अस्पतालों के आसपास की सफाई कराने के लिए परिपत्र जारी करने को कहा गया है।
आयोग अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास ने सवाईमाधोपुर के उमाशंकर योगी के परिवाद पर यह आदेश देते हुए 2 माह में पालना रिपोर्ट तलब की है। योगी ने 10 नवम्बर 2014 को राजस्थान पत्रिका में ‘बिखरा पड़ा है संक्रमण’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार के आधार पर सवाई माधोपुर में अस्पतालों का कचरा बिखरे होने की शिकायत की थी।
स्वास्थ्य की रक्षा सरकार की जिम्मेदारी
आयोग ने संविधान में शामिल नीति निर्देशक तत्व याद दिलाते हुए सरकार से कहा है कि नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए समुचित बंदोबस्त करना राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है। नागरिकों के स्वास्थ्य से समझौता नहींं किया जा सकता। इस कारण स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों के कचरा निस्तारण की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता।
खुले में कचरा डालना मानव अधिकार हनन
आयोग ने कहा कि पूरी दुनिया अभी कोरोना से जूझ रही है और राजस्थान सहित देश के अनेक हिस्सों में डेंगू, चिकनगुनिया व स्क्रब टाइफस पनप रहा है। इस कारण स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। आयोग ने खुले में अस्पतालों का कचरा डाले जाने को मानव अधिकारों का उल्लंघन माना है।
आयोग के निर्देश
— स्वास्थ्य निदेशक प्रदेश के सभी सीएमएचओ को सरकारी व निजी अस्पतालों के निरीक्षण का निर्देश दें और हर माह निरीक्षण रिपोर्ट लें।
— स्वास्थ्य के संबंध में कोताही सामने आने पर जनस्वास्थ्य निदेशक अनुशासनात्मक कार्रवाई करें
— प्रमुख स्वास्थ्य सचिव सभी जिलों में बायो मेडिकल वेस्ट के लिए वित्तीय स्वीकृति के बारे में सीएमएचओ से जानकारी लें और हर अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट अनिवार्य करवाएं।
— सभी सीएमएचओ निजी अस्पतालों को सूचित करें कि खुले में अस्पताल का कचरा डाला गया तो जुर्माना वसूला जाएगा। विभाग जुर्माना राशि तय करें।
— मुख्य सचिव सभी नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के लिए परिपत्र जारी करें कि सभी अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के बाहर नियमित सफाई कराएं।