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राज्य में फिजियोथैरेपी काउंसिल नहीं, मनमानी करने वालों पर ‘हल्ला बोल’

locationजयपुरPublished: Sep 09, 2022 11:58:15 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

राज्य में फिजियोथैरेपी काउंसिल नहीं होने से युवा फिजियोथैरेपिस्ट स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं। लंबे समय से जारी इस मांग के बावजूद सरकार की इस अनदेखी का फायदा उठाते हुए कुछ फिजियोथैरेपी संचालक तो युवाओं के आर्थिक शोषण पर भी उतर आए हैं। राजधानी जयपुर के एक फिजियोथैरेपी संचालक ने तो महिला फिजियोथैरेपिस्ट का मानदेय भी लंबे समय से रोक रखा है।

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राज्य में फिजियोथैरेपी काउंसिल नहीं होने से युवा फिजियोथैरेपिस्ट स्वयं को असहाय महसूस कर रहे हैं। लंबे समय से जारी इस मांग के बावजूद सरकार की इस अनदेखी का फायदा उठाते हुए कुछ फिजियोथैरेपी संचालक तो युवाओं के आर्थिक शोषण पर भी उतर आए हैं। राजधानी जयपुर के एक फिजियोथैरेपी संचालक ने तो महिला फिजियोथैरेपिस्ट का मानदेय भी लंबे समय से रोक रखा है।

अपने मेहनताने के लिए लगातार चक्कर लगाने के बावजूद उसे भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकार के पास भी ऐसी कोई नियामक संस्था नहीं है, जहां वह अपनी शिकायत कर सके। इधर, राजस्थान चार्टेड एसोसिएशन आफ फिजियोथैरेपी के पदाधिकारियों ने कहा है कि सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है और अब मनमानी करने वालों के खिलाफ एसोसिएशन हल्ला बोल शुरू करेगी।

सरकार के पास तो कोई नियामक एजेंसी नहीं: राजस्थान चार्टेड एसोसिएशन आफ फिजियोथैरेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.संजय कुमावत का कहना है कि मनमानी करने वालों पर एसोसिएशन हल्ला बोल शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि काउंसिल नहीं होने के कारण युवा बिना पंजीकरण ही बेहद कम वेतन पर जॉब शुरू करने को मजबूर हैं। शिकायत दर्ज कराने का कोई केन्द्र नहीं है। इससे गैर डिग्रीधारी पनप रहे हैं और सरकार के पास उनका कोई रेकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है। सरकारी स्तर पर उनकी भर्तियों की भी उचित व्यवस्था नहीं है।

मेहनताने का भुगतान भी नहीं

श्याम नगर स्थित जागृति फिजियोथैरेपी क्लीनिक में काम कर चुकी फिजियोथैरेपिस्ट का कहना है कि सेंटर संचालक डॉ.दीपेश नैनानी ने उसे 2 हजार रुपए अल्प मानदेय पर रखा, लेकिन उसका भी बड़ा भुगतान रोक लिया। उसे सिर्फ होम विजिट का भुगतान किया गया। अपने मेहनताने के लिए उसने पूरे प्रयास किए, लेकिन उसे आज तक उसका पैसा नहीं दिया गया

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