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बिजली संकट नहीं, पर बिजलीघर अब भी सुपरक्रिटिकल हालात में

locationजयपुरPublished: Oct 28, 2021 11:33:07 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

बिजली संकट नहीं, पर बिजलीघर अब भी सुपरक्रिटिकल हालात में

बिजली संकट नहीं, पर बिजलीघर अब भी सुपरक्रिटिकल हालात में

भवनेश गुप्ता
जयपुर। राजस्थान में भले ही बिजली कटौती बंद हो गई है, लेकिन कोयला स्टॉक को लेकर बिजलीघर अब भी सुपर क्रिटिकल स्थिति में ही है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम के चारों थर्मल प्लांट में डेढ़ से 6 दिन का ही कोयला स्टॉक किया जा सका है, जबकि सामान्य स्थिति के लिए कम से कम 15 दिन का स्टॉक होना जरूरी है। गौर करने वाली बात यह है कि नवम्बर मध्य बाद रबी बुवाई का सीजन शुरू हो जाएगा और उसके बाद बिजली की अधिकतम मांग 15 हजार मेगावाट तक पहुंचती जा रही है। ऐसे में कोयला की उपलब्धता और स्टॉक नहीं बढ़ता है तो बिजली संकट के हालात पनप सकते हैं। इसी कारण विद्युत उत्पादन निगम के अफसर एक बार फिर कोयला मंत्रालय से संपर्क में आ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में निगम अधिकारी दिल्ली भी गए हैं। अभी प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 11400 मेगावाट तक है।
अभी बिजलीघरों में इतना ही कोयला
कालीसिंध थर्मल प्लांट- 3.5 दिन- 50000 टन
कोटा थर्मल- 5.8 दिन- 80000 टन
छाबड़ा सब क्रिटिकल- 1.5 दिन- 9000 टन
छाबड़ा सुपर क्रिटिकल- 3 दिन- 36000 टन
सूरतगढ़ सब क्रिटिकल- 1.5 दिन- 13000 टन
सूरतगढ़ सुपरक्रिटिकल- 4 दिन- 46000 टन
(यहां हर दिन 20 से 22 लाख टन कोयला स्टॉक होना चाहिए, लेकिन अभी केवल 2.34 लाख टन ही कोयला उपलब्ध है)
अनुबंध 11.5 रैक का, मिल रही 6 ही
कोल इंडिया की सहायक कंपनियों से कोयला सप्लाई के लिए प्रतिदिन 11.5 रैक का अनुबंध है, लेकिन अभी भी 6 से 7 ही रैक मिल रही है। कंपनियां अतिरिक्त सड़क परिवहन से कोयला ले जाने के लिए कह रही है। जबकि, उत्पादन निगम की खदान से 8.5 रैक प्रतिदिन मिलनी है। हालांकि, अभी यहां से 11 रैक आ रही है। क्योंकि, कोयला संकट के दौरान पूरी रैक नहीं मिल पाई थी, जिसे अब लिया जा रहा है।
अभी उपलब्धता और मांग लगभग समान
-11394 मेगावाट रही अधिकतम मांग
-9125 मेगावाट है औसत मांग
-9664 मेगावाट रही औसत उपलब्धता
-2 यूनिट बंद कराई गई बिजली मांग घटन के कारण

यह है नियम
-यदि बिजलीघर की कोल माइन्स से दूरी 1 हज़ार किलोमीटर तक हो तो कोयले का 25 दिन का स्टॉक होना चाहिए।
-बिजलीघर की कोल माइन्स से दूरी एक हज़ार किलोमीटर से ज्यादा हो तो 30 दिन का स्टॉक करना जरूरी है।
(सामान्य स्थितियों में स्टॉक का अनुपात यही है, लेकिन अभी रियायत देते हुए इसे 15 दिन किया गया है)

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