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देश में ये क्या हो रहा, किसी की निजता नहीं बची

locationजयपुरPublished: Nov 05, 2019 12:59:16 am

Submitted by:

anoop singh

छग के आइपीएस अफसर की फोन टैपिंग का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा शपथ-पत्र
 

देश में ये क्या हो रहा, किसी की निजता नहीं बची

देश में ये क्या हो रहा, किसी की निजता नहीं बची

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आइपीएस अफसर मुकेश गुप्ता और उनके परिवार वालों की फोन टैङ्क्षपग के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा, देश में ये क्या हो रहा है, किसी की निजता नहीं बची है। ये निजता का हनन है। ऐसा करने की आखिर जरूरत क्या है? जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार इस बारे में विस्तृत शपथ-पत्र दे कि किस कारण से फोन टैपिंग की गई और किसके आदेश पर ऐसा किया गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर तय की है। जस्टिस मिश्रा ने गुप्ता को इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बधेल का नाम लाकर मामले का राजनीतिकरण नहीं करने की नसीहत भी दी।
ये आप क्या कर रहे हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री भूपेश बधेल का नाम मामले से हटाने के भी निर्देश दिए। लेकिन जस्टिस मिश्रा ने मामले में राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा को कहा, ये आप क्या कर रहे हैं? फोन टैपिंग से राज्य सरकार की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
क्या है मामला
आइपीएस अफसर गुप्ता ने एसीबी और आर्थिक अपराध विंग के महानिदेशक के पद पर रहते हुए आलोक अग्रवाल और नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले को उजागर किया था। इन मामलों में चार्जशीट पेश हो चुकी है तथा सुनवाई जारी है। कॉल इंटरसेप्टिंग से इन घोटालों को उजागर करने में मदद मिली थी। दिसंबर, 2018 में बधेल सरकार ने गुप्ता का तबादला बिना वर्क चार्ज के डीजी मुख्यालय कर दिया था।
आलोक अग्रवाल केस: सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा किया गया भष्टाचार।
नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला: निगम के कई कर्मचारियों और अफसरों द्वारा बड़े पैमाने पर किया गया भ्रष्टाचार।
गुप्ता पर तीन एफआइआर
अवैध रूप से फोन टैङ्क्षपग और धोखाधड़ी के आरोप लगा गुप्ता पर तीन एफआइआर भी दर्ज की गईं थीं। गुप्ता ने राज्य सरकार पर द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगा अपने विरुद्ध दर्ज मामलों की जांच सीबीआइ से कराने की अर्जी भी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने अगले आदेश तक गुप्ता के खिलाफ मामले में स्टे लगा दिया था। कोर्ट ने बधेल एवं अन्य को नोटिस जारी किया था।
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