scriptनो पीयूसी-नो फ्यूल का विरोध | No PUC-no fuel protest | Patrika News

नो पीयूसी-नो फ्यूल का विरोध

locationजयपुरPublished: Jun 30, 2015 11:57:00 pm

प्रदेश में प्रदूषण प्रमाण-पत्र की
जांच के बाद ही पेट्रोल पम्प पर ईधन देने की कवायद (नो पीयूसी-नो फ्यूल) का शुरूआत
से पहले ही विरोध शुरू हो गया है

petrol pumps

petrol pumps

जयपुर। प्रदेश में प्रदूषण प्रमाण-पत्र की जांच के बाद ही पेट्रोल पम्प पर ईधन देने की कवायद (नो पीयूसी-नो फ्यूल) का शुरूआत से पहले ही विरोध शुरू हो गया है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने परिवहन विभाग के आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए मानने से इनकार कर दिया है। साथ ही घोष्ाणा की है कि सभी पेट्रोल पम्प सिर्फ पेट्रोल-डीजल देने का काम ही करेंगे। अगर सरकार ने पम्प संचालकों पर सख्ती की तो पम्प संचालक कार्य बहिष्कार करेंगे।

आखिर क्या है मामला : राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र की जांच के बाद ही वाहनों में पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति के निर्देश दिए हंै। प्राधिकरण के आदेशों की पालना के लिए परिवहन विभाग ने जिला कलक्टरों को जिम्मा सौंपा। प्रदेशभर में एक जुलाई से इसे लागू किया जा रहा है, जिसके लिए पंप संचालकों को निर्देश दिए हैं।

विरोध का ये दिया तर्क
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन अध्यक्ष सुनीत बगई ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया प्रदेश में 1.20 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं, जबकि 20 प्रतिशत वाहन पड़ोसी राज्यों से आते हैं। इन सभी वाहनों की जांच के लिए स्थापित 650 मशीनों में से 450 ही कार्यरत हैं।

एक वाहन की जांच में करीब 5 मिनट भी लगाए जाए तो छह माह में सभी वाहनों का नम्बर आएगा। उन्होंने पम्प पर प्रमाण पत्र जांचने के बाद ही ईधन देने के फैसले को अव्यवहारिक बताया और कहा कि इससे पम्प पर लम्बी-लम्बी कतारें लग जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया है कि अगर वास्तव में फैसले का क्रियान्वयन कराना है तो परिवहन विभाग व यातायात पुलिस अभियान चलाकर सख्ती करें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो