यह है मामला- एसीबी ने अशोक सिंघवी सहित,श्याम सुदंर सिंघवी,शेर खान,पुष्करराज आमेटा,पंकज गहलोत,मोहम्मद रशीद शेख,संजय सेठी और धीरेन्द्र उर्फ चिंटू को दो करोड़ 55 लाख रुपए के खान महाघूस कांड में गिरफ्तार किया था और सभी के खिलाफ चार्जशीट भी पेश कर दी थी।
इस चार्जशीट के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने सिंघवी सहित सभी सातों आरोपियों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत ईडी की स्पेशल कोर्ट में एक क्रिमिनल शिकायत दर्ज करवाई थी। इसी दौरान खान मालिक और दो करोड़ 55 लाख रुपए की रिश्वत देने वाले शेर खान की मृत्यु हो चुकी थी। इस पर ईडी ने उसकी पत्नी तमन्ना बेगम को मनी लॉड्रिंग के मामले में आरोपी बनाया था। कोर्ट ने ईडी का पक्ष सुनने के बाद अभियुक्तों के खिलाफ 21 जनवरी,2019 को मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत प्रसंज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट से तलब किया था। उदयपुर एसीबी कोर्ट में चल रहा एसीबी वाला केस भी जयपुर की ईडी कोर्ट में ट्रांसफर हो गया था।
ईडी कोर्ट ने अभियुक्तों के गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदलने से इनकार कर दिया था। लंबे समय तक अभियुक्त कोर्ट में पेश नहीं हुए तो ईडी कोर्ट ने उनकी एसीबी वाले केस में भी जमानत जब्त कर ली थी। अभियुक्तों ने मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत प्रसंज्ञान आदेश और गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में नहीं बदलने के ईडी कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अभियुक्तों का कहना था कि मामले में मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत आरोप तय करने लायक तथ्य ही नहीं हैं। जब्त किए गए दो करोड़ 55 लाख रुपए खान खरीदने के लिए दिवंगत आरोपी शेर खान और उसके परिजनों के विभिन्न बैंक खातों से निकाले गए थे। अशोक सिंघवी का कहना था कि उसका इस राशि के लेन-देने से कोई रिश्ता नहीं था।
कोर्ट ने आरोपियों की सभी दलीलों को मानने से इनकार कर दिया है और कहा है कि हाईकोर्ट अपीलीय कोर्ट की तरह सुनवाई नहीं करेगी बल्कि केवल इतना ही देखेगी कि ईडी कोर्ट के प्रसंज्ञान आदेश में कहीं कोई गलती तो नहीं है। प्रसंज्ञान आदेश में प्राथमिक तौर पर एेसी कोई गलती नहीं है जिसके लिए हाईकोर्ट को दखल देने की जरुरत हो। मनी लॉड्रिंग एक्ट एक विशेष कानून है और इसमें आरोपी बनाए जाने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि आरोपी किसी शिड्यूल केस में भी आरोपी हो। मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत अपराध गंभीर आर्थिक अपराध होते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी तय कर चुका है कि आर्थिक अपराधों केा लेकर अदालतों को कठोर रुख अपनाना चाहिए।
हाईकोर्ट की ही एक अन्य एकलपीठ ने पिछले दिनों तीन अभियुक्त श्याम सिंघवी,पंकज गहलोत और संजय सेठी की याचिका मंजूर करते हुए एसीबी वाले केस में जमानत जब्त करने के ईडी कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था और १७ फरवरी को ईडी कोर्ट मंे पेश होने के निर्देश दिए थे। हालांकि इस बात की संभावना कम है कि आरोपी ईडी कोर्ट में पेश होगें बल्कि सभी आरोपी अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगें। यदि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो उनका मनी लॉड्रिंग वाले केस में गिरफ्तार होना तय है।