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जयपुर

नोटबंदी का एक साल,किसी ने बताया नोटबंदी को देश के लिए करेक्शन मॉडल तो किसी ने बताया सरकार का गलत फैसला

नोटबंदी के बाद लोगों की जिंदगी में क्या बदलाव आया है। इसी को लेकर आज हमने शहरवासियों से जाना सालभर में नोटबंदी का क्या रहा उनके जीवन पर असर –

जयपुरNov 08, 2017 / 11:13 am

rajesh walia

Notebandi ke fayde or notebandi ke nuksan in hindi
बीते साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए देश में 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगा दिया था। जिसके बाद देशभर की जनता को बैंक में जमा कराई अपनी ही पूंजी के लिए महीनों तक एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी कतारों में घंटों खड़े होकर पैसे निकालने पड़े। साथ ही विपक्ष ने इस फैसले का खूब विरोध किया। नोटबंदी के एक साल पूरे होने के मौके पर भाजपा आज ‘काला धन विरोधी दिवस’ मना रही है, जबकि कांग्रेस इसे ‘काला दिन’ के तौर पर मना रही है।
वहीं नोटबंदी के बाद लोगों की जिंदगी में क्या बदलाव आया है। इसी को लेकर आज हमने शहरवासियों से जाना सालभर में नोटबंदी का क्या रहा उनके जीवन पर असर –

नोटबंदी के बाद डिजीटलकरण को बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही साइबर अपराध भी बढ़े है। जिसके कारण लोगों के एटीएम कार्ड, नेट बैकिंग आदि के गलत उपयोग से लोग ठगी का शिकार हुए है। जिससे अपराध बढ़े है। अपराधों का बढऩे का सबसे बड़ा कारण लोगों में जागरूकता नहीं है साथ ही ठगी होने पर किसे शिकायत करे इसकी जानकारी नहीं है। अगर जागरूकता बढ़ाई जाए तो डिजीटलीकरण की सफलता में कोई दिक्कत नहीं है।
-डॉ.सीबी शर्मा,रिटायर्ड आईपीएस
नोटबंदी के बाद डिजीटल टेक्नॉलॉजी का प्रयोग बढऩे के साथ अपराध बढ़े है। इन्हें रोकने के लिए लोगों को सुरक्षित बैकिंग के उपाय बताए जाए। क्रेडिट कार्ड,डेबिट कार्ड जिस डिवाइस पर उपयोग हो रहा है उनमें आज भी पुराना सॉफ्टवेयर उपयोग में लिया जा रहा है। कई जगह विंडो एक्सपी आज भी यूज लिया जा रहा है। एेसे डिवाइस पर अगर साइबर अटैक होता है तो सर्विस प्रोवाइडर भी कोई सहायता नहीं कर सकेगा।
-सचिन शर्मा, साइबर एक्सपर्ट
नोटबंदी सरकार का कदम तो अच्छा है, लेकिन व्यवस्था सही नहीं है। नोटबंदी को एक साल हो गया है, लेकिन हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी दो हजार रुपए के नोट को खुल्ले कराने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
-राजेन्द्र शर्मा, शिक्षक नेता
नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ। नोटबंदी से लोगों ने जो रुपया ब्लैक कर रखा था, वह बाजार में आया, जिससे बाजार में चलन बढ़ा। नोटबंदी से नुकसान उन्हें हुआ, जिन्होंने कालाधन जमा कर रखा था। नोटबंदी का फैसला काफी हद तक सफल रहा।
-महेश जैन, नोट संग्रहकर्ता
नोटबंदी से लोगों के खर्चों में काफी कमी आई है। लोग सोच समझ कर खर्च कर रहे हैं। इससे व्यापार जगत पर बुरा प्रभाव पड़ा और बेरोजगारी बढ़ी है। नोट बंदी के लोगों को कोई फायदा होगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।
-मूलचंद सैनी, व्यवसायी
नोटबंदी जल्दबाजी में लिया गया फैसला था, जिसका खामियाजा देश की सवा सौ करोड जनता को भुगतना पड़ा। नोटबंदी के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। तीन माह में 126 लोगों की मौते हो गई और हजारों लोग बेरोजगार हो गए।
-केके मेहता, अध्यक्ष सीनियर सिटीजन चेरिटेबल ट्रस्ट
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