नशे के इंजेक्शनों को दबाया…नहीं करवाई डीएनए जांच
बलात्कार के इस मामले में पुलिस को मौके पर आठ ट्रमोडोल हाईड्रोक्लोराइड के इंजेक्शन मिले थे। पुलिस ने पीडि़ता के कपड़े और बैडशीट को भी जब्त किया था, लेकिन इन्हें जांच के लिए एफएसएल नहीं भेजा गया। यहां तक की पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट को भी नजर अंदाज कर दिया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से चोट और बलात्कार की बात कहीं गई थी।
डीजीपी को लिखे पत्र ने खोली परतें
बलात्कार के इस मामले की परते पीडि़ता की ओर से पुलिस महानिदेशक को दिए गए परिवाद ने खोली है। मामले की फिर से जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिविल राइट्स दिनेश अग्रवाल को सौंपी गई। न्यायालय के आदेश से मामले की फिर से जांच शुरू की गई तो डीएन मिलान के साथ इंजेक् शनों में भी प्रतिबंधित नशा पाया गया।
इनका कहना है…
पीडि़ता के परिवाद पर न्यायालय से एफआर स्वीकृत होने के बाद भी जांच की गई। जांच में डीएनए मैच हो गया। वहीं इंजेक्शनों में भी नशा पाया गया है। ऐसे में आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट का भी मामला दर्ज किया गया है। पीडि़ता के खिलाफ दर्ज मामला झंठा पाया गया है।
दिनेश अग्रवाल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिविल राईट्स, जयपुर
डेढ़ करोड़ की गाड़ी के 16 लाख रुपए में नंबर लेकर चर्चा में आया था राहुल
इवेंट कंपनी का मालिक राहुल तनेजा वर्ष 2018 में अपनी डेढ़ करोड़ की गाड़ी के 16 लाख रुपए में वीआईपी नंबर लेकर चर्चा में आया था।