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क्यों ना निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के करवाने के निर्देश दिए जाएं ?-हाईकोर्ट

locationजयपुरPublished: Oct 21, 2019 03:08:36 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस (Notice issued) जारी कर पूछा है कि क्यों ना आगामी नगर पालिका चुनाव (Nagar palika election) बिना ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) के करवाने के निर्देश दिए जाएं ?

जयपुर

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने यह अंतरिम आदेश समता आंदोलन समिति व तीन अन्य की जनहित याचिका पर दिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव,सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग,स्वायत्त शासन विभाग,चुनाव आयोग और केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के वकीलों को नोटिस दिलवाकर अगली सुनवाई 7 नवंबर को तय की है।
एडवोकेट शोभित तिवाड़ी ने बताया कि 102 वें संविधान संशोधन के जरिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को परिभाषित कर दिया गया है। इस संशोधन के बाद से ओबीसी जाति वही होगी जिसके लिए केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग सिफारिश करेगा और सरकार व संसद की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति अधिसूचना जारी करेगें। यह संशोधन 14 अगस्त,2018 से देश में लागू हो चुका है लेकिन,केन्द्र सरकार ने अब तक राष्ट्रपति के जरिए ओबीसी जातियों को कोई भी सूची जारी नहीं की है। वर्तमान में देश और राज्य में कोई भी जाति ओबीसी नहीं है और इसलिए ओबीसी सूची के अभाव में निकाय चुनाव में ओबीसी जाति का आरक्षण देना असंवैधानिक है। राज्य सरकार का निकाय चुनाव में ओबीसी जातियों के लिए सीटों का आरक्षण करना गलत है इसलिए इसे रद्द किया जाए और बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवाए जाएं।
इसके साथ ही याचिका में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 में दी गई ओबीसी जाति की परिभाषा को भी चुनौती दी गई है। इसके अनुसार राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित की गई जातियां ही ओबीसी जातियां मानी जाती हैं। 102 वें संवैधानिक संशोधन के बाद ओबीसी की सूची की केवल राष्ट्रपति ही जारी कर सकते हैं। इसलिए इस परिभाषा को संविधान के विपरीत होने के कारण रद्द किया जाए।
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