शास्त्री नगर, राजापार्क स्थित दशहरा मैदान, जवाहर नगर, मानसरोवर। 18 को दशहरा मनाने के पक्ष में यह तर्क
धर्मसभा में सामने आया कि यह पर्व अपरान्ह व्यापिनी (दिनमान के चतुर्थ-पंचमभाग में व्याप्त) आश्विन शुक्ल दशमी में मनाया जाता है। यदि उस समय (अपरान्ह) में श्रवणनक्षत्र भी विद्यमान हो तो उसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष 18 अक्टूबर को दोपहर 03.28 बजे दशमी रहेगी। भारत में कुछ भागों में दोपहर 03.28 पर 18 को अपरान्ह समाप्त होगा। भारत के कुछ पश्चिमी क्षेत्रों में दोपहर 03.28 के बाद अपराह्नकाल समाप्त होगा, जिससे वहां पर दशमी अपरान्ह व्यापिनी प्राप्त होगी। इस दिन श्रवण नक्षत्र रात्रि 12:33 तक रहेगा, जिससे भारत के कुछ भागों में अपरान्ह व्यापिनी दशमी श्रवणयुता भी होगी। इन स्थानों पर निर्विवादरूप से विजयादशमी का पर्व दिनांक 18 अक्टूबर को सिद्ध होता है।
यहां 19 को मनाया जाएगा दशहरा भारत के कुछ पूर्वी भागों में 18 अक्टूबर को अपरान्ह में श्रवणनक्षत्र तो विद्यमान है, लेकिन दशमी अपरान्ह में नहीं है। ऐसे में वहां 18 को शास्त्रनिर्णयानुसार विजयादशमी का योग नहीं बनता है। इन स्थानों पर विजयादशमी का पर्व 19 को मनाया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के पश्चिमी हिस्से (कठुआ, अनन्तनाग, राजौरी, ऊधमपुर, जम्मू, श्रीनगर, बारामूला आदि), हिमाचल प्रदेश के शिमला, सोलन, डलहौजी, ऊना, नंगल, नालागढ़, मण्डी, कुल्लू, मनाली, बिलासपुर, चम्बा, धर्मशाला, कांगड़ा, हमीरपुर आदि, पंजाब, हरियाणा, चण्ड़ीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश के उज्जैन, इन्दौर, भोपाल आदि, महाराष्ट्र व गुजरात के कुछ जिले, दमन, दीव, गोवा, कर्नाटक, केरल, आन्ध्रप्रदेश के कुछ हिस्से व तमिलनाडु आदि।
इन राज्यों में 19 को महाराष्ट्र में नागपुर, चन्द्रपुर, गोण्डिया, गढ़चिराली आदि, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, म्यांमार, त्रिपुरा, बांग्लादेश, मेघालय, भूटान, नेपाल, सिक्किम, बिहार, छत्तीसगढ़, देहरादून, हरिद्वार, बरेली, अलीगढ़, कासगंज, महोबा, खजुराहो, जबलपुर, विजयवाड़ा, गुंटूर, चेन्नई आदि।
गलता पीठाधीश अवधेशाचार्य, बलमुकुन्दाचार्य, सुदर्शनाचार्य, पं. चन्द्रशेखर शर्मा, पं. दामोदर प्रसाद शर्मा, नरोत्तम पुजारी, प्रो. भास्कर शर्मा, पुष्पा जोशी, अनिल स्वामी, सिम्मी सोनी, रवि शर्मा, विनोद नाटाणी, नीलेश शर्मा, प्रो शालिनी सक्सेना, प्रीतम पुजारी, प्रो रामपाल, प्रो भगवान सहाय, धर्मशास्त्री चेतना पाठक व अन्य।