scriptअब बनेगा बटरफ्लाई पार्क | Now Butterfly Park will be built at chattisgarh | Patrika News

अब बनेगा बटरफ्लाई पार्क

locationजयपुरPublished: Oct 08, 2019 05:20:56 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

अब बनेगा बटरफ्लाई पार्क

अब बनेगा बटरफ्लाई पार्क

अब बनेगा बटरफ्लाई पार्क

इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की कवायद

तितलियों को मिलेगा संरक्षण

मिली तितलियों की तीन नई प्रजाति
बन के तितली दिल उड़ा है, कहीं दूर………..

चल के खुशबू से जुड़ा है, कहीं दूर……..
जी हां, अब जल्द ही आप यह गाना ( Song )गुनगुनाते हुए नजर आएंगे जशपुर (Jashpur )के बटफ्लाई पार्क (Butterfly Park ) में। छत्तीसगढ़ ( Chattisgarh ) के जशपुर में तितलियों को सरंक्षण प्रदान करने के लिए बटरफ्लाई पार्क बनाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है।
किया गया सर्वेक्षण

आपको बता दें कि जशपुर जिला प्रशासन की ओर से तितलियों को लेकर सर्वेक्षण करवाया गया था। इतना ही नहीं तितलियों की नई प्रजातियों की जानकारी देने के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में कलेक्टर निलेश कुमार ने कहा कि तितलियों एवं पंछियों के सर्वेक्षण में जशपुर जिले के आम लोगों की सहभागिता भी आवश्यक है, जिससे और बेहतर ढंग से इनके संरक्षण की दिशा में काम किया जा सके। कार्यशाला में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि जिले में वर्तमान में 81 प्रजातियां देखी गई है।
तितलियों के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए १५ अक्टूबर के बाद फोटो प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता के लिए पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। जिसमें प्रथम पुरस्कार 1 लाख,ए द्वितीय 75 हजार और तृतीय पुरस्कार 50 हजार का होगा । मिली तितलियों की नई प्रजाति
आपको बता दें कि जिला प्रशासन, वन विभाग और जशपुर वाइल्ड लाइफ वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से यहां सर्वेक्षण करवाया गया था। जिसमें तितलियों की तीन नई प्रजाति मिली हैं।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के जशपुर में तितलियों की तीन नई प्रजातियां मिली हैं।
इनका नाम कामन ओनिक्स, इंडिगो फ्लैश और स्माल क्यूपिड हैं।
यह अब तक देश के पश्चिमी घाट, हिमालय तराई क्षेत्र और अंडमान निकोबार में ही देखी गईं है।

छत्तीसगढ़ में अब तक पाई गई कुल तितलियों की प्रजातियों की आधी से अधिक संख्या जशपुर जिले में पाई गई हैं।
जशपुर में करवाए गए सर्वेक्षण में तितली की कुल ७७ प्रजातियां पाई गई।
अब इन प्रजातियों संख्या बढ़ कर ८१ हो गई है

इको टूरिज्म को बढ़ावा देने में मददगार
जिला प्रशासन का मानना है कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यह तितलियां काफी मददगार साबित हो सकती हैं। जिले में सन्ना, मनोरा, पण्डरापाट, जशपुर, बादलखोल अभयारण्य में तितलियां बहुतायत में पाई जाती हैं। अब यहां तितलियों का एक पार्क बनाया जा रहा है। जीव वैज्ञानिकों का मानना है कि 1970 से 80 के दशक में इस इलाके में तितलियों 250 प्रजाति पाई जाती थी लेकिन जंगल कटाई, तापमान में वृद्धि , वायु प्रदूषण और कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से तितलियों की कई प्रजाति विलुप्त हो गई। छोटी तितलियों का जीवन चक्र दो से तीन सप्ताह जबकि बड़ी प्रजाति की तितली का जीवन चक्र चार से 6 सप्ताह का होता है। 15 से 38 डिग्री तापमान में तितलियां सहज महसूस करती है तापमान बढऩे से नष्ट हो जाती हैं।तितली के बारे में रोचक तथ्य
आइए अब डालते हैं तितली के बारे में कुछ रोचक तथ्यों पर एक नजर
तितलियों २८००० प्रकार की होती है

कुछ तितलियां जहरीली होती हैं
मादा तितली पुरुष तितली से बड़ी होती है

तितलियों को सुनाई नहीं देता
तितलियों का वजन 2 गुलाब की पंखुड़ी जितना होता है
तितलियां अपने पंख से की गई आवाज से एक दूसरे के सम्पर्क में रहती हैं
कुछ तितलियां बड़ी होने के बाद, कुछ भी खाती नहीं हैं, क्योंकि उनके मुंह नहीं होते

अंटार्टिका में तितली नहीं पाई जाती
एक तितली के 12000 आंखें होती हैं
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो