script

अब क्विज के जरिए बच्चों की पढ़ाई

locationजयपुरPublished: Oct 23, 2020 12:42:39 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

आओ सीखे कार्यक्रम की शुरुआतवॉट्सएप पर क्विज सॉल्व करेंगे बच्चेलेकिन कहां से आएगा हर बच्चे के लिए मोबाइल

अब क्विज के जरिए बच्चों की पढ़ाई

अब क्विज के जरिए बच्चों की पढ़ाई

कोविड 19 के चलते पिछले लंबे समय से स्कूल बंद हैं। सरकारी हो या फिर निजी स्कूल सभी में बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन करवाई जा रही है। हालांकि विभाग ने स्कूल खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजा है साथ ही ऑनलाइन टीङ्क्षचग को बढ़ावा देने के लिए आओ सीखे कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। जो दरअसल एक क्विज है। आपको बता दें कि यह क्विज पहली से १२वीं तक के विद्यार्थियों के लिए है। व्हाट्सएप आधारित इस अभ्यास क्विज प्रतियोगिता की दो खास बात यह है कि इस क्विज कॉम्पटिशन को चार दिन में पूरा करने का मौका दिया गया है। विद्यार्थियों की विभिन्न विषयों पर समझ को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इस क्विज कॉम्पटिशन की शुरुआत की गई है।
व्हाट्सएप पर आएगा लिंक
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने वॉट्सएप आधारित क्विज की शुरुआत की है। इसमें कक्षा १ से १० तक विद्यार्थी पढ़ी हुई दक्षताओं संबंधी प्रश्नोत्तरी को वॉट्सएप पर प्राप्त कर व प्रश्न हल कर वॉट्सएप पर जवाब दे सकते हैं। इस क्विज कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी जिलों को तीन समूह में विभाजित कर वॉट्सएप नंबर उपलब्ध करवाए गए हैं। शिक्षक प्रतिदिन ५ छात्रों से संपर्क कर क्विज के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर उनकी शंकाओं का समाधान करेंगे। यह साप्ताहिक क्विज कक्षा १ से ५ में हिंदी, गणित और अंग्रेजी जबकि कक्षा ६ से १० में गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों के लिए है।
क्विज कॉम्पटिशन का लिंक विभाग अभिभावकों के मोबाइल पर भेज रहा है। लिंक आने के बाद बच्चे इसमें भाग ले सकते हैं। एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को इस क्विज प्रतियोगिता के तहत दिलचस्प कहानी कार्टून के माध्यम से दिखाते हुए उनके स्तर के सवाल किए जाएंगे। इसी प्रकार छह से आठवीं तक बच्चों से भी सवाल पूछे जाएंगे। नवीं से १२वीं तक के बच्चों के लिए न्यूटाइप प्रश्नावली दी गई है। इस प्रश्नों को हल करने के लिए सामने ही चार उत्तर भी दिए है। सही उत्तर को क्लिक करना होगा। प्रश्नों के उत्तर सबमिट करने के तत्काल बाद विद्यार्थी अपनी आंसर की भी देख सकेगा जिससे अपना असेसमेंट वह खुद कर सकेंगे।
कहां से लाएंगे मोबाइल, नुकसान भी कम नहीं
वहीं इस संबंध में शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि विभाग ने भले ही ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत कर दी हो लेकिन जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है वहां आज भी बच्चे ऑनलाइन एजुकेशन से नहीं जुड़ पाए हैं। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के जिलाध्यक्ष कैलाश सैन का कहना है कि कोविड के समय बच्चों के लिए मोबाइल खरीदना भी पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों के लिए आसान नहीं है। अगर पैरेंट्स अपना मोबाइल बच्चों को देते हैं तो खुद उनका काम रुक जाता है। जिन घरों में एक से अधिक बच्चे हैं उनके लिए तो मोबाइल दिलवाना संभव नहीं है।

ट्रेंडिंग वीडियो