फास्टैग स्कैनिंग से सम्पूर्ण जानकारी हासिल
अधिकांश वाहनों पर फास्टैग लगा है। टोल नाकों पर पहुंचते ही फास्टैग स्कैनिंग से टोल वसूल लिया जाता है। पुलिस को यदि किसी वांछित या संदिग्ध वाहन की तलाश है तो टोल नाकों के कैमरे ही नहीं फास्टैग काफी महत्वपूर्ण साबित होते हैं। यदि वांछित या संदिग्ध वाहन टोल नाकों से निकला है और फास्टैग से टोल कटा है तो उसका नाम और सम्पूर्ण पता पुलिस को हासिल हो जाता है। इन सुराग से अपराधी तक पहुंचा जा सकता है।
चालक व सह-चालक भी नजर में
टोल नाकों से निकलने वाले वाहन ही नहीं बल्कि चालक व उसमें सवार यात्री भी कैमरे की नजर में होते हैं। टोल नाकों पर वाहन के रूकते ही एक कैमरा वाहन की नम्बर प्लेट और दूसरा कैमरा चालक व सह-चालक पर फोकस होता है। कार में सवार सभी लोग कैमरे में आ जाते हैं।
नाकों पर ही तस्करों की घेराबंदी
एनसीबी ने गत दो-तीन साल में मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें से अधिकांश कार्रवाइयां टोल नाकों पर की गईं थी। तस्करों के वाहन टोल नाकों पर पहुंचते ही एनसीबी घेराबंदी करती थी। आगे-पीछे वाहन लगे होने से तस्करों को भागने का मौका नहीं मिल पाता था।
शहर के चारों तरफ टोल नाके
वर्तमान में जोधपुर शहर के चारों तरफ टोल नाके हो गए हैं। पाली रोड पर कई सालों से टोल नाका है। अब नागौर हाईवे पर नेतड़ा, जैसलमेर हाईवे पर बंबोर के पास और जयपुर हाईवे पर भी टोल नाके हो गए हैं। वहीं, ओसियां रोड पर किरमसरिया के पास टोल नाका है।
कोई भी वारदात होने पर अपराधी के भागने व उसकी धरपकड़ में वारदातस्थल के आस-पास के कैमरे तो मददगार होते ही हैं। टोल नाकों के कैमरों से भी काफी महत्वपूर्ण सुराग मिल जाते हैं। मादक पदार्थ से भरे वाहन को लावारिस छोड़ने के मामलों में टोल नाकों के कैम्रों से चालक व अन्य की पहचान में मदद मिल रही है।