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दूसरे राज्‍यों में स्थित कार्यालय खर्च पर लगेगा GST

locationजयपुरPublished: Aug 16, 2018 01:56:11 pm

Submitted by:

Swatantra Jain

किसी कंपनी के मुख्यालय द्वारा दूसरे राज्यों में स्थित उसकी शाखाओं को दी जाने वाली एकाउंटिंग, आईटी, मानव संसाधन जैसी सेवाओं के लिए दिए जाने वाले वेतन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (AAR) की कर्नाटक पीठ द्वारा जारी आदेश के अनुसार दो कार्यालयों के बीच इस तरह की गतिविधियां जीएसटी कानून के तहत आपूर्ति (सप्‍लाई) मानी जाएगी।

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दूसरे राज्‍यों में स्थित कार्यालय खर्च पर लगेगा जीएसटी


सप्लाई के अंतर्गत इस पर देना होगा 18% जीएसटी
एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (AAR) की कर्नाटक पीठ का फैसला
दूसरे कार्यालयों की अकांउटिंग, आईटी, मानव संसाधन आदि के वेतन पर लगेगा जीएसटी
(सीजीएसटी कानून) की धारा 25 (4) के तहत अनुसूची एक की प्रविष्टि दो में माना जाएगा आपूर्ति
कंपनियों को अपनी शाखाओं से कामकाज में मदद पर वसूलना होगा जीएसटी
ऐसी आपूर्ति पर लिए जाने वाले जीएसटी पर मिलेगा ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’
कंपनियों पर अनुपालन बोझ बढ़ेगा क्योंकि बनाना होगा अंतर-राज्यीय सेवाओं के लिए इनवॉयस
किसी कंपनी के मुख्यालय द्वारा दूसरे राज्यों में स्थित उसकी शाखाओं को दी जाने वाली एकाउंटिंग, आईटी, मानव संसाधन जैसी सेवाओं के लिए दिए जाने वाले वेतन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (AAR) की कर्नाटक पीठ द्वारा जारी आदेश के अनुसार दो कार्यालयों के बीच इस तरह की गतिविधियां जीएसटी कानून के तहत आपूर्ति (सप्‍लाई) मानी जाएगी।
एएआर ने कहा कि एकाउंटिंग, अन्य प्रशासनिक और आईटी प्रणाली के रखरखाव के संदर्भ में कॉरपोरेट कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी अन्य राज्यों में स्थित शाखाओं के लिए जो काम करते हैं, उन पर केंद्रीय वस्‍तु एवं सेवा कर कानून 2017 (सीजीएसटी कानून) की धारा 25 (4) के तहत सीजीएसटी कानून की अनुसूची एक की प्रविष्टि दो के अंतर्गत आपूर्ति माना जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार इस व्यवस्था का मतलब है कि जिन कंपनियों के विभिन्न राज्यों में कार्यालय हैं, उन्हें मुख्य कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा अन्य राज्यों में स्थित शाखाओं से कामकाज में मदद के एवज में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) वसूलना होगा।
हालांकि, ऐसी आपूर्ति पर लिए जाने वाले जीएसटी के सदर्भ में ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ (आईटीसी) का दावा किया जा सकता है। जिन कंपनियों को जीएसटी से छूट है, वे ‘क्रेडिट’ का दावा नहीं कर पाएंगी। साथ ही इससे कंपनियों का अनुपालन बोझ बढ़ेगा क्योंकि उन्हें अंतर-राज्यीय सेवाओं के लिए इनवॉयस बनाना होगा।
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