script

….अब बिना हॉलमार्किंग की ज्वैलरी बेची तो खैर नहीं

locationजयपुरPublished: Dec 02, 2021 02:28:30 pm

Submitted by:

Swatantra Jain

जयपुर। 1 दिसंबर से अब राजस्थान समेत देशभर में हॉलमार्किंग ज्वैलरी की बिक्री को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो अब कड़ा रुख अपनाएगा। आभूषण विक्रेताओं को केंद्र सरकार ने 30 नवंबर तक पुराने आभूषण के स्टॉक को हॉलमार्क युक्त कराने के निर्देश दिए गए थे और 30 नवंबर तक इस मामले में जांच या कार्रवाई नहीं करने के निर्देश बीआईएस को दिए गए थे। लेकिन अब ये समय सीमा खत्म हो गई है।

hallmarking center: हॉलमार्किंग सेंटर्स संचालक आंदोलन की ओर, सेंटर्स पर छाया संकट

hallmarking center: हॉलमार्किंग सेंटर्स संचालक आंदोलन की ओर, सेंटर्स पर छाया संकट

अब देश के 256 और राजस्थान के 18 जिलों में रजिस्टर्ड आभूषण विक्रेताओं के पास सिर्फ हॉलमार्क ज्वैलरी ही बिकेगी। राजस्थान के इन 18 जिलों में अब 44 हॉलमार्किंग सेंटर हैं और जयपुर में 11 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। लेकिन राजस्थान के हॉलमार्किंग सेंटर एसोसिएशन के चेयरमैन उदय सोनी का कहना है कि जयपुर समेत राजस्थान में अभी इतने आभूषणों का उत्पादन ही नहीं होता कि इन सभी सेंटरों को काम मिल सके। इसलिए अब सारे राजस्थान में हॉलमार्किंग अनिवार्य बना दिया जाना चाहिए। सोनी ने बताया कि एक सेंटर पर एक दिन में 520 आभूषणों की हॉल मार्किंग हो जाती है, पर इतने आभूषण जयपुर में नहीं बनते एक दिन में कि जयपुर के सभी सेंटरों को काम मिल जाए। इसलिए कुछ सेंटर आगे बंद भी हो सकते हैं।
फर्स्ट प्वाइँट ऑफ सेल पर ही लगती है हॉलमार्किंग
गौर करने की बात है कि जिन शहरों में हॉलमार्क केंद्र नहीं हैं, वहां देश और प्रदेश में फिलहाल बिना हॉलमार्क के भी आभूषण की बिक्री की जा सकेगी। बीआईएस जयपुर प्रथम की प्रमुख कनिका कालिया का भी कहना है कि ज्वैलरी की हॉलमार्किंग फिलहाल फर्स्ट प्वाइँट ऑफ सेल पर ही लगती है। इसलिए फिलहाल हॉलमार्किंग का दबाव मुंबई, सूरत और अहमदाबाद जैसे महानगरों में ही है, जहां से अधिकांश ज्वैलर्स माल खरीदकर लाते हैं। राजस्थान के हॉलमार्किंग सेंटर एसोसिएशन के चेयरमैन उदय सोनी ने बताया कि इसलिए इन महानगरों के शहरों के हॉलमार्किंग के सेंटर पर हॉलमार्किंग के लिए 10 से अधिक दिनों की वैटिंग तक चल रही है, दूसरी तरफ जयपुर और राजस्थान के हॉलमार्किंग सेंटर्स पर कोई खास काम ही नहीं है।
अब बिना हॉलमार्किंग की ज्वैलरी बेची तो खैर नहीं

बीआईएस जयपुर के प्रथम कनिका कालिया के अनुसार अब अनिवार्य हॉलमार्किंग के प्रावधानों के तहत ज्वैलरी शॉप यदि बिना हॉलमार्क के आभूषण बिक्री करता पकड़ा गया, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। कालिया ने बताया कि अगर कोई रजिस्टर्ड ज्वैलर्स अगर बिना हॉलमार्किंग के ज्वैलरी बेचते पाया गया तो उसको एक साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर कोर्ट कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी, जहाँ उसे सजा भी हो सकती है। वहीं अगर कोई गैर पंजीकृत ज्वैलर्स हॉलमार्किंग वाली ज्लैलरी बेचता है तो भी उसका सारा माल जब्त कर लिया जाएगा। कालिया ने बताया कि अब शहर के आभूषण कारोबारी बीआईएस की सर्विलांस टीम की नजर में रहेंगे और ज्वैलरी आउटलेट पर अचानक चेकिंग शुरू की जाएगी। साथ ही ज्वैलरी कारोबारियों को हॉलमार्क से संबंधित सूचना बोर्ड भी लगाने होंगे।
40 लाख रुपए से अधिक के टर्नओवर के कारोबारियों और पोल्की, कुंदन मीना दायरे से बाहर
बता दें फिलहाल यह सालाना 40 लाख रुपए से अधिक के टर्नओवर के कारोबारियों पर यह शुरू में लागू हुआ है। देश के 256 जिलों और राजस्थान के 18 जिलों में 16 जून से यह प्रावधान लागू हो गए थे। इस योजना से ज्यादा से ज्यादा ज्वैलर्स जुड़ें इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस संपूर्ण रूप से समाप्त कर दी गई है। साथ ही, पोल्की मीना, कुंदन, जड़ाऊ ज्वैलरी और घड़ी को हॉल मार्किंग से बाहर रखा गया है। सरकार का दावा है कि भारतीय मानक ब्यूरो के इस निर्णय से उपभोक्ताओं को शुद्वता की गारंटी वाली ज्वैलरी खरीदने को मिल सकेगी।

ट्रेंडिंग वीडियो