14 माह में गौशाला में दोगुना से अधिक पहुंची गायों की संख्या…
बरसात के बाद गौशाला में मचे मौत के तांडव के बाद अक्टूबर 2016 में अक्षयपात्र फांउडेशन को हिंगोनिया गौशाला देखभाल के लिए सौंपी गई थी। उस समय गायों की संख्या आठ हजार से अधिक थी। इस साल के अंत में अक्षयपात्र फाउंडेशन की तरफ से गायों की गणना करवाई गई। साल में दो बार प्रशासन गायों की गणना
करवाता है। वर्तमान में हिंगोनिया गौशाला में गायों की संख्या बीस हजार तक पहुंच गई है। गौशाला में बढ़ती गायों की संख्या ने आर्थिंक तंगी से जूझ रहे नगर निगम को परेशानी में डाल दिया था। पिछले दिनों किए गए 19 साल के एमओयू में नगर निगम ने गायों की देखभाल के लिए दी जा रही राशि में कटौती कर दी। नगर निगम पहले प्रत्येक गाय के लिए 70 और बछड़े के लिए 35 रुपए देता था। अब नए एमओयू में नगर निगम ने कटौती करते हुए गाय की देखभाल के लिए 49 और 32 रूपए बछड़े के लिए दे रही है।
बरसात के बाद गौशाला में मचे मौत के तांडव के बाद अक्टूबर 2016 में अक्षयपात्र फांउडेशन को हिंगोनिया गौशाला देखभाल के लिए सौंपी गई थी। उस समय गायों की संख्या आठ हजार से अधिक थी। इस साल के अंत में अक्षयपात्र फाउंडेशन की तरफ से गायों की गणना करवाई गई। साल में दो बार प्रशासन गायों की गणना
करवाता है। वर्तमान में हिंगोनिया गौशाला में गायों की संख्या बीस हजार तक पहुंच गई है। गौशाला में बढ़ती गायों की संख्या ने आर्थिंक तंगी से जूझ रहे नगर निगम को परेशानी में डाल दिया था। पिछले दिनों किए गए 19 साल के एमओयू में नगर निगम ने गायों की देखभाल के लिए दी जा रही राशि में कटौती कर दी। नगर निगम पहले प्रत्येक गाय के लिए 70 और बछड़े के लिए 35 रुपए देता था। अब नए एमओयू में नगर निगम ने कटौती करते हुए गाय की देखभाल के लिए 49 और 32 रूपए बछड़े के लिए दे रही है।
इन पांच प्रोजेक्ट से गौशाला में बहेगी अर्थ की गंगा…
नगर निगम द्वारा गायों के देखभाल के बजट में कटौती कर दी गई है। ऐसे में गायों की पहले की भांति अच्छे से देखभाल हो सके। इसके लिए नए आय के स्त्रोत तलाशे जा रहे है। गौशाला में आय बढ़ाने के लिए पांच नए प्रोजेक्ट जल्द चालू किए जाएंगे। इन प्रोजेक्टस में कारकस प्लांट, गोबर गैस संयंत्र, इंडियन काउब्रीडिंग, ई काउ टूरिज्म शामिल है।
नगर निगम द्वारा गायों के देखभाल के बजट में कटौती कर दी गई है। ऐसे में गायों की पहले की भांति अच्छे से देखभाल हो सके। इसके लिए नए आय के स्त्रोत तलाशे जा रहे है। गौशाला में आय बढ़ाने के लिए पांच नए प्रोजेक्ट जल्द चालू किए जाएंगे। इन प्रोजेक्टस में कारकस प्लांट, गोबर गैस संयंत्र, इंडियन काउब्रीडिंग, ई काउ टूरिज्म शामिल है।
मिल्क प्रोडक्ट तैयार होगें गौशाला में…
दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए गौशाला में अच्छी नस्ल की गाय की ब्रीड तैयार की जा रही है। इसके लिए बीकानेर से थार पार कर नस्ल के तीस सांड मंगाए गए है। वहीं गुजरात से भी गिर नस्ल के सांड मंगाए गए है। दूध का उत्पादन बढऩे के बाद उससे कई प्रोडक्ट भी तैयार कर बाजार में उतारें जाएंगे। इंडियन काउ ब्रीडिंग योजना की शुरूआत में यह महत्वपूर्ण कदम अब तक उठाए गए है। गौशाला में नगर निगम के समय 180 लीटर दूध का उत्पादन होता था जो कि अब बढ़कर 2500 लीटर तक पहुंच गया है।
दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए गौशाला में अच्छी नस्ल की गाय की ब्रीड तैयार की जा रही है। इसके लिए बीकानेर से थार पार कर नस्ल के तीस सांड मंगाए गए है। वहीं गुजरात से भी गिर नस्ल के सांड मंगाए गए है। दूध का उत्पादन बढऩे के बाद उससे कई प्रोडक्ट भी तैयार कर बाजार में उतारें जाएंगे। इंडियन काउ ब्रीडिंग योजना की शुरूआत में यह महत्वपूर्ण कदम अब तक उठाए गए है। गौशाला में नगर निगम के समय 180 लीटर दूध का उत्पादन होता था जो कि अब बढ़कर 2500 लीटर तक पहुंच गया है।
गांवों को सप्लाई होंगी बिजली व गौबर गैस…
हिंगोनिया गौशाला प्रशासन लम्बे समय से बंद पड़े गौबर गैस प्लांट को फिर से चालू करने जा रहा है। गौबर गैस प्लांट में तैयार गैस को आस-पास के गांवों में सप्लाई की जाएगी। इसके लिए गैस पाइप लाइन भी बिछाने की योजना है। गौशाला प्रशासन ने गौबर गैस सप्लाई के लिए सरकार को प्रोजेक्ट बनाकर भेजा है। साथ ही गौबर गैस से बिजली भी उत्पादन करने की योजना है। इसके लिए सरकार भी को प्रोजेक्ट तैयार कर अनुमति के लिए भेजा गया है। एक मेगावॉट बिजली उत्पादन करने योजना बनाई जा रही है।
हिंगोनिया गौशाला प्रशासन लम्बे समय से बंद पड़े गौबर गैस प्लांट को फिर से चालू करने जा रहा है। गौबर गैस प्लांट में तैयार गैस को आस-पास के गांवों में सप्लाई की जाएगी। इसके लिए गैस पाइप लाइन भी बिछाने की योजना है। गौशाला प्रशासन ने गौबर गैस सप्लाई के लिए सरकार को प्रोजेक्ट बनाकर भेजा है। साथ ही गौबर गैस से बिजली भी उत्पादन करने की योजना है। इसके लिए सरकार भी को प्रोजेक्ट तैयार कर अनुमति के लिए भेजा गया है। एक मेगावॉट बिजली उत्पादन करने योजना बनाई जा रही है।
गौशाला का निगम पर छह करोड़ रुपए बकाया…
हिंगोनिया गौशाला की देखभाल कर रहे अक्षयपात्र फांउडेशन का बजट नगर निगम समय पर नहीं दे रहा है। इससे फाउंडेशन को गायों की देखभाल में आर्थिंक परेशानी का काफी सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में भी नगर निगम पर गायों की देखभाल के छह करोड़ रुपए बकाया चल रहे है। गायों की देखभाल में आर्थिंक समस्या अडचन न बने इसके लिए पांच नए प्रोजेक्ट गौशाला में चलाने की तैयारी की जा रही है।
हिंगोनिया गौशाला की देखभाल कर रहे अक्षयपात्र फांउडेशन का बजट नगर निगम समय पर नहीं दे रहा है। इससे फाउंडेशन को गायों की देखभाल में आर्थिंक परेशानी का काफी सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में भी नगर निगम पर गायों की देखभाल के छह करोड़ रुपए बकाया चल रहे है। गायों की देखभाल में आर्थिंक समस्या अडचन न बने इसके लिए पांच नए प्रोजेक्ट गौशाला में चलाने की तैयारी की जा रही है।