scriptराजस्थान में अब ऐसी होगी ईआरओ नेट की सिक्योरिटी,,,लाख कोशिशें के बाद भी नहीं जुड सकेंगे फर्जी मतदाता | Now it will be the ERO net security | Patrika News

राजस्थान में अब ऐसी होगी ईआरओ नेट की सिक्योरिटी,,,लाख कोशिशें के बाद भी नहीं जुड सकेंगे फर्जी मतदाता

locationजयपुरPublished: Jun 27, 2018 12:40:45 pm

Submitted by:

PUNEET SHARMA

राजस्थान में अब ऐसी होगी ईआरओ नेट की सिक्योरिटी,,,लाख कोशिशें के बाद भी नहीं जुड सकेंगे फर्जी मतदाता

election department

राजस्थान में अब ऐसी होगी ईआरओ नेट की सिक्योरिटी,,,लाख कोशिशें के बाद भी नहीं जुड सकेंगे फर्जी मतदाता

राजस्थान में अब ऐसी होगी ईआरओ नेट की सिक्योरिटी,,,लाख कोशिशें के बाद भी नहीं जुड सकेंगे फर्जी मतदाता

जयपुर।
प्रदेश में 20 लाख फर्जी मतदाता होने के विवाद और जयपुर के विधाधर नगर में ईआरओ नेट से छेडछाड का मामला सामने आने पर निर्वाचन विभाग में खलबली मच गई है। लिहाजा अब विधान सभा चुनाव तक ऐसा मामला सामने नहीं आए इसके लिए अब हर सप्ताह ईआरओ नेट का पासवर्ड हर सप्ताह बदला जाएगा। वहीं ठेकाकर्मियों से गोयपनीयता का एग्रीमेंट भी किया जाएगा।

हाल ही में मतदाता सूचियों में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम जोडने और जयपुर के विधाधर नगर में इआरओ नेट में छेडछाड कर गलत तरीके से नाम जोडने का मामला सामने आया था। जिसे निर्वाचन विभाग ने गंभीरता से लिया है। निर्वाचन विभाग की जांच में सामने आया कि इआरओ नेट का पासवर्ड कार्मिकों ने आपसी बातचीत में पता कर लिया और ऐसी हकरत की।

अब सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इआरओ नेट का पासवर्ड हर सप्ताह बदला जाएगा और नेट पर काम कर रहे कार्मिकों के साथ ही ठेके के कार्मिक उपलब्ध कराने वाली फर्म से गोपनीयता का एग्रीमेंट लिखवाया जाएगा। अगर फर्म एग्रीमेंट का उल्लंघन करती है तो उसके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत कडी कार्यवाही की जाएगी। वहीं सभी जिला निर्वाचन कार्यालयों में साइबर एक्सपार्ट की नियुक्ति करने के आदेश भी दिए गए है।
असल में ईआरओ नेट चुनाव आयोग का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट हैं । निर्वाचन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ईआरओ नेट से अब यह आसानी से पता चल जाएगा कि एक मतदाता का नाम कहां कहां मतदाता सूची में दर्ज है। जिससे अब फर्जी मतदान की संभावनाएं पूरी तरह से खत्म हो गई है।
राजस्थान में अभी मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है। अंतिम पुनरीक्षण कार्यक्रम 31 जुलाई तक पूर्ण कर लिया जाएगा। हांलाकि राजस्थान में 4 करोड से ज्यादा मतदाता हैं। इनमें से 16 लाख से ज्यादा ज्यादा युवा मतदाता है। निर्वाचन विभाग का कहना है कि युवा मतदाताओं की संख्या बढाने के लिए 1 जुलाई को कॉलेजों में गतिविधियां शुरू की जाएंगी।
अब ऐसी होगी ईआरओ नेट की सिक्योरिटी——लाख कोशिशें के बाद भी नहीं बन सकेंगे फर्जी मतदाता

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो